हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले के इंदपुर गाँव में लोगों को शराब की आदत, बेरोजगारी जैसी सामाजिक समस्याओं का सामना करने में कई दिक्कतें आ रही थी। मेहनत की कमाई का प्रबंधन कैसे करे इसके बारे में भी लोग अनजान थे। समस्याएं कई थी लेकिन उनका समाधान नहीं मिल रहा था क्योंकि गांववालों ने अपनी समस्याओं को अपने तक ही रखा था, उनके बारे में बाहर के लोगों के साथ बात करने से वो मना कर रहे थे। गांव के वातावरण में बदलाव तब आने लगे जब अम्माची लैब्स की टीम वहां लगातार आने लगी। अम्माची लैब्स अमृता विश्व विद्यापीठम (अमृता विश्वविद्यालय) का शैक्षणिक और अनुसंधान केंद्र है, जो समावेशी सशक्तिकरण के लिए सामाजिक चुनौतिओं से निपटने के लिए कार्य करता है। गांव के लोगों के साथ बातचीत के दौरान यह जानकारी मिलती गई कि सामाजिक समस्याओं का मुख्य कारण था गांव के लोगों में आपसी संवाद की अक्षमता जो विश्वास न होने की वजह से हो रहा था, वह कभी किसी समाधान पर पहुँच ही नहीं पाते थे। श्रीराम कोंगेसेरी के नेतृत्व में कार्यरत संशोधकों ने काफी विचार-विमर्श के बाद यह पाया कि गेम बेस्ड लर्निंग (जीबीएल) अर्थात खेलों पर आधारित शिक्षा से इस समस्या का अभिनव समाधान मिल सकता है। श्री. कोंगेसेरी ने बताया, "हमने गरीब पिछड़े समुदायों के साथ काफी समय बिताया और अर्थपूर्ण सामाजिक जुड़ाव के बीच आनेवाली बाधाओं को जानने की कोशिश की। हमारे शोध और प्रत्यक्ष समुदायों के बीच किए गए कार्य से हमें पता चला कि, गंभीर खेल, खास कर बोर्ड गेम्स उनके जीवन में गहरा, सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। इस खेल-आधारित दृष्टिकोण ने हमारी पहल को अधिक रचनात्मक, अनुकूल और अर्थपूर्ण बना दिया है। खिलाड़ी अपने समुदाय में सक्रिय समस्या समाधानकर्ता के रूप में उभर कर आते हैं। वे चैंपियन बनते हैं!” दो प्रमुख मुद्दें पाए गए, सामाजिक समस्याओं में वृद्धि और वित्त प्रबंधन। इनके अनुसार दो खेल शुरू कर दिए गए। पहला खेल "अभी या कभी" वित्तीय समस्याओं का सामना करने में मदद करता है। "अभी या कभी" – एक बोर्ड गेम जो समय के साथ लोगों के बीच मिलाप बढ़ाने का प्रभावशाली साधन बना, साथ ही एक शिक्षा उपकरण बना। 'एम्ब्रेसिंग द वर्ल्ड' द्वारा गोद लिए गए गावों में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसका उपयोग किया। दूसरा था "आदर्श गांव" जिसे सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए बनाया गया था। सामाजिक समस्या-समाधान के माध्यम से आदर्श गांव बनाने के लिए गांव के लोगों में एकता की भावना पैदा करना इसका मुख्य हेतु था। दोनों खेलों में बहुत अच्छे परिणाम देखने मिले और अब गांव के लोगों में सशक्तीकरण और टीम बनाकर काम करने में विश्वास की भावना दिखाई देती है। अम्माची लैब्स ने इन खेलों को सामाजिक समस्या-समाधान सीखने के उपकरण के रूप में विकसित करने पर काम किया है। इन खेलों में वास्तविक जीवन प्रसंग, समस्याओं से निपटा जाता है। इन्हे खेलते-खेलते समुदाय उनके वास्तविक मुद्दों के साथ जुड़ते हैं। यह खेल संवेदनशील व्यक्तिगत और सामाजिक मुद्दों पर सामुदायिक जुड़ाव के सूत्रधार के रूप में भी काम करते हैं। यह खेल एक अनौपचारिक, खेल वातावरण बनाते हैं, जो सहभागिओं के मन से तनाव, शर्मिंदगी और घबराहट को निकाल देता है और दुःखद सामाजिक समस्याओं पर भी वह खुलकर चर्चा कर सकते हैं।