ढाका: बंगलादेश में भयंकर चक्रवाती तूफान फोनी के कहर से 14 लोगों की मौत हो गयी। फोनी पहले भारत में प्रवेश किया और बाद में बढ़कर पड़ोसी देश पहुंचा। चक्रवाती तूफान ने देश के तटीय जिलों में तबाही मचाया और सैकड़ों घर नष्ट हो गये। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार तथा शनिवार को बंगलादेश के नोआखाली, भोला, लक्ष्मीपुर, पटुआखाली, बागेरहाट, किशोरींगज, नेत्रोकोंडा और ब्राह्मणबरिया जिलों में इसका प्रभाव रहा।

फोनी के ओडिशा पार करने के दौरान यह भारत के पूर्वी तट से होते हुए उत्तर की ओर बढ़ने लगा और बंगलादेश में प्रवेश किया। बंगलादेश में करीब 12 लाख लोगों को नीचले एवं तटवतीर् इलाकों से निकाल कर 4000 राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया गया। विशेषज्ञों ने फोनी को भारत के पिछले 20 सालों के इतिहास में सबसे शक्तिशाली चक्रवात बताया है।

चक्रवाती तूफान 'फोनी' से ओडिशा में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है। तूफान के दस्तक देने के एक दिन बाद शनिवार को राज्य के लगभग 10,000 गांवों और शहरी क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू किया गया। अधिकारियों ने बताया कि 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे इस अत्यंत भयंकर चक्रवाती तूफान की वजह से शुक्रवार को पुरी में तेज बारिश और आंधी आयी। तूफान के कमजोर पड़ने और पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले इसकी चपेट में आये कस्बों और गांवों में बहुत से घरों की छतें उड़ गयीं और कई घर पूरी तरह से बर्बाद हो गये।

अधिकारियों ने कहा कि आपदा के कारण मरने वालों की संख्या शुक्रवार को आठ थी, जो मयूरभंज जिले में चार और लोगों के मारे जाने के बाद बढ़कर 12 हो गई। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों से विस्तृत जानकारी आनी अभी बाकी है। मयूरभंज जिले के आपात अधिकारी एस के पति ने कहा, बारीपदा में अलग-अलग स्थानों पर पेड़ गिरने से चार लोगों की मौत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की और तटीय राज्य में चक्रवात आने के बाद की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया कि केंद्र की तरफ से राज्य को लगातार सहायता मिलती रहेगी।