कोलकाता: कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान बुधवार को हुई हिंसा पर टीएमसी और भाजपा में वार-पलटवार जारी हैं. पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हिंसा भाजपा ने नहीं, बल्कि टीएमसी के लोगों ने हिंसा की थी. इसके बाद टीएमसी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि छात्रों ने अमित शाह को सिर्फ काले झंडे दिखाए थे, लेकिन अमित शाह ने बंगाल के बाहर से गुंडे बुला रखे थे. टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए भावुक हो गए और उन्होंने कहा, 'मैनें बहुत सारी प्रेस कॉन्फ्रेंस की हैं, लेकिन यह प्रेस कॉन्फ्रेंस मेरे लिए सबसे दुख भरी है. अमित शाह ने कल हमें बहुत आहत किया. कल उन्होंने पूरे बंगाल को आहत किया.'

इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'कल छात्रों ने अमित शाह को सिर्फ काले झंडे दिखाए थे. छात्र लोकतांत्रिक रूप से प्रदर्शन कर रहे थे. अमित शाह ने बंगाल के बाहर से गुंडे बुलाए थे. अमित शाह ने कहा कि ताला लगा था तो इनके गुंडे अंदर कैसे आए? (एक वीडियो दिखाते हुए) इस वीडियो में साफ हो गया कि अमित शाह धोखेबाज हैं. पहले आपने बोला बंगाल को कंगाल और अब आपने ये किया. हम बेहद दुखी है, क्षुब्ध हैं.'

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक अन्य वीडियो दिखाते हुए टीएमसी नेता ने कहा, केंद्रीय पुलिस बल बंगाल में बीजेपी के साथ काम कर रहे हैं (एक शख्स की वर्दी में तस्वीर दिखाते हुए). केंद्रीय पुलिस बल बीजेपी के उम्मीदवारों के साथ बूथ में जा रहे हैं. ये लोगों से बीजेपी को वोट डालने के लिए कह रहे हैं.'

इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेस करके अमित शाह ने कहा कि हिंसा की खबर सुबह से थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. साथ ही उन्होंने कहा कि टीएमसी के लोगों ने ही झूठ फैलाने के लिए मूर्ती तोड़ी. प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा, 'छह चरणों में बंगाल के सिवा कहीं हिंसा नहीं हुई. ममता जी की कह रही हैं कि बीजेपी हिंसा कर रही है. ममता जी 42 सीटों पर लड़ रही हैं, हम तो देश भर में चुनाव लड़ रहे हैं. कहीं और तो हिंसा नहीं हुई. यानि साफ है टीएमसी के लोग हिंसा कर रहे हैं. लोकतंत्र की हत्या की गई.' एक पत्रकार के जवाब में अमित शाह ने कहा कि कल वहां सीआरपीएफ नहीं होता तो मेरा वहां से बचकर निकलना मुश्किल था.