मिर्जापुर: मिर्जापुर में शुक्रावार को गठबंधन की सभा में बसपा अध्यक्ष मायावती ने शौचालय को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया। एक दिन पहले मिर्जापुर में ही पीएम मोदी ने अखिलेश को निशाने पर लेते हुए कहा था कि वह अपनी बात शौचालय से शुरू करते हैं और शौचालय पर खत्म करते हैं। इसका जवाब देते हुए मायावती ने अखिलेश का बचाव भी किया। मायावती ने कहा कि अखिलेश ने बिना पानी वाले शौचालय की बात कही है। बिना पानी और बिना दरवाजे वालाे शौचालय बहन-बेटियों को नहीं चाहिए।

मायावती ने कहा कि गांव की बहन-बेटियों का जितना ख्याल हमने रखा है, उतना किसी ने नहीं रखा होगा। उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बनी तो अंबेडकर ग्राम विकास योजना के तहत सबसे पहले शौचालय बनाए गए। शौचालय ऐसे होने चाहिए कि उसमें पानी भी हो और दरवाजे भी हो। रास्ते भी हो और रास्ता कंक्रीट का भी होना चाहिए।

अखिलेश ने भी अपने भाषण में शौचालय का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने न जाने कितना पैसा इस पर खर्च कर दिया लेकिन ज्यादातर अधूरे हैं। कांग्रेस एक गड्ढे का शौचालय बना रही थी, भाजपा ने दो गड्ढे का बना दिया लेकिन पानी दिया ही नहीं। लोगों को पढ़ा-लिखा दो, संपन्न बना दो। संपन्न हो जाएंगे तो खुद शौचालय बना लेंगे।

मायावती ने कहा कि पड़ोसी जिले सोनभद्र में हमारी सरकार से पहले लोग जाने से डरते थे। नक्सलवाद का खौफ था। हमारी सरकार ने नक्सलियों का कत्ले आम नहीं किया। सोनभद्र को विकास से जोड़ा। स्कूल बनाए, सड़क बनाए, लोगों को रोजगार से जोड़ा। गरीबों को व्यापार दिया। समाजवादी पार्टी ने भी वहां बहुत काम किया। इससे नक्सलवाद वहां खत्म हुआ है। अब भाजपा के लोग फिर से लोगों को गुमराह करने और भड़काने में लगे हैं।

मायावती ने अपने भाषण की शुरुआत कांग्रेस पर हमले से की। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ज्यादातर इसी पार्टी के हाथों में सत्ता रही। लंबे समय तक सत्ता में रहने के बाद भी न गरीबी दूर हुई, न दलितों को इनसे लाभ मिला। बाबा साहेब ने दलितों और पिछड़ों को आगे बढ़ाने के लिए जो जरूरी कानूनी अधिकार दिये थे, उसका लाभ भी नहीं मिल पाया। कांग्रेस के शासन में रोजी रोटी के लिए लोगों को बड़े महानगरों में जाना पड़ा। ऐसी स्थिति में बाबा साहेब ने कहा था कि अपनी हालत बदलना चाहते हैं तो राज्य और केंद्र की सत्ता की चाबी अपने हाथों में लेनी होगी। इसके बाद ही बसपा-सपा और अन्य पार्टियां सामने आईं। अगर कांग्रेस ने पूरी इमानदारी के साथ दलितों-पिछड़ों के लिए काम किया होता तो बसपा-सपा बनानी ही नहीं होती।

मायावती ने कहा कि अपनी गलत नीतियों और गलत कार्यप्रणाली के कारण भाजपा भी सत्ता से बाहर जा रही है। अब कोई जुमलेबाजी काम नहीं आएगी। प्रधानमंत्री ने दो वादे किये थे, उसका चौथाई हिस्सा भी पूरा नहीं किया है। यह लोग केवल पूंजीपतियों की चौकीदारी में लगे हुए हैं। यहां के किसान बुरी तरह परेशान हैं। बीजेपी के छोड़े गए आवारा पशुअों के कारण इन्हें और भी बर्बाद कर दिया है।