नई दिल्ली: विपक्ष को आशंका है कि 23 मई को आने वाले लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी पूर्ण बहुमत से दूर रहेगी। इस स्थिति को देखते हुए मोदी सरकार को रोकने के लिए विपक्ष पसीना बहा रहा है। लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार अलग तरह से राजनीतिक गोलबंदी करने में जुट गए हैं।

शरद पवार विभिन्न पार्टियों के बीच तालमेल बनाने के लिए अहम रणनीति पर काम कर रहे हैं। एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक, 78 वर्षीय पवार वाईएसआर कांग्रेस नेता जगन मोहन रेड्डी, तेलंगाना राष्ट्र समीति के नेता के चंद्रशेखर राव और और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से लगातार बातचीत कर रहे हैं।

एनसीपी प्रमुख ने राव, केसीआर और नवीन पटनायक से फोन पर बातचीत की है। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अगर किसी तरह विपक्ष को सरकार बनाने का मौका मिलता है तो सभी दलों को एक-दूसरे का समर्थन करना होगा। ऐसी स्थिति में नवीन पटनायक और केसीआर ने कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए को समर्थन देने का आश्वासन दिया है।

वहीं शरद पवार ने जगनमोहन रेड्डी से फोन पर बातचीत करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। कहा गया कि वह अभी विदेश में हैं। कहा जा रहा है कि जगनमोहन रेड्डी बीजेपी के संपर्क में हैं अगर बीजेपी को बहुमत नहीं मिलता तो फिर बीजेपी जगनमोहन को अपने पाले में लाने की कोशिश करेगी। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में तेलगू देशम पार्टी एनडीए का हिस्सा थी लेकिन वह एनडीए से अलग हो गई। आंध्र प्रदेश में टीडीपी और वाईएसआर एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। दोनों नेता एक-दूसरे के सियासी विरोधी हैं।

श्री पवार पिछले कुछ दिनों से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के गठबंधन सहयोगियों मायावती और अखिलेश यादव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं के संपर्क में हैं। गांधी। वहीं मंगलवार (21 मई 2019) को नायडू ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और जनता दल सेक्युलर के उनके पिता देवेगौड़ा से भी मुलाकात की। जेडीएस और कांग्रेस का कर्नाटक में गठबंधन है।

बता दें कि रविवार को आए तमाम न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल्स में बीजेपी की अगुआई वाली एनडीए गठबंधन को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं यूपीए को 100 से 120 तो वहीं अन्य दलों को भी इतनी ही सीटें मिलने का अनुमान है।