लखनऊ: हमेशा की तरह इस साल भी लखनऊ में शहीदों की धरती और सर्वधर्म सम्भाव में यकीन रखने वाले ग़ाज़ीपुर के नौजवानों द्वारा रोज़ा इफ्तार का एहतमाम किया गया। विभिन्न धर्मों के लोगों ने एक साथ रोज़ा इफ्तार कर मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम दिया।

आयोजन कमेटी के दिलशाद खान, दानिश, नौशाद, खुर्शीद, सरताज़, कामरान, औरंगजेब, शाहबाज़, मारूफ, प्रेम तिवारी ने कहा कि रोजा और इफ्तार इस्लाम धर्म और इसके मानने वालों की ज़िन्दगी में अहम मकाम रखता है। रोजा इस्लाम के मुख्य पांच स्तंभों में से एक है। आज भारत समेत पूरी दुनिया के अक्सर-ओ-बेश्तर हिस्से में ना जाने कितने गरीब भूखे पेट सोने को मज़बूर हैं। वहीं दूसरी ओर अमीर लोग होटलों में इतना खाना बर्बाद कर देते हैं जितने में लाखों-करोड़ों लोगों का पेट भरा जा सकता है। इन्हीं गरीबों के दर्द को समझने और भूख की तड़प को जानने और ईश्वर के ध्यान में लीन होने को रोज़ा कहते हैं।

गाजीपुर यूनिट ने इफ़्तार में आये हुए सभी रोज़ेदारों व अन्य लोगों के प्रति आभार जताया। इस दौरान इरशाद प्रधान, एएमयू छात्रनेता मुजतबा फराज, अमीक़ जमाई, रिहाई मंच से राजीव यादव, सृजनयोगी आदियोग, शकील कुरैशी, राबिन वर्मा, नदीम अहमद, शाहरुख़ अहमद और अफ़जल अहमद, उस्मान, अम्मार, अख्तर, उवैश, यूथ टीम गाजीपुर और तमाम लोग इफ़्तार में मौजूद रहे।