नई दिल्ली: बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने कहा कि धोनी अपने ग्लव्स पर बने प्रतीक चिन्ह के साथ खेलते रहेंगे क्योंकि ये सेना का प्रतीक नहीं है। राय ने साथ ही कहा कि बीसीसीआई ने इसके लिए आईसीसी की अनुमति ली है।

विनोद राय ने कहा, 'बीसीसीआई ने अनुमति के लिए पहले ही आईसीसी को औपचारिक निवेदन भेजा है। आईसीसी के नियमों के मुताबिक खिलाड़ी किसी व्यावसायिक, धार्मिक या सेना के लोगों को नहीं पहन सकते हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि इसमें कुछ भी व्यावसायिक, धार्मिक नहीं था।'

उन्होंने कहा, 'और ये उनके ग्लव्स पर बना चिन्ह पैरामिलिट्री रेजिमेंटल का प्रतीक नहीं है। इसलिए धोनी ने आईसीसी के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है।'

बीसीसीआई का ये बयान आईसीसी द्वारा बीसीसीआई से उस नियम का हवाला देकर धोनी को इस ग्लव्स के प्रयोग न करने के लिए कहने के बाद आया है, जिसके मुताबिक, कोई भी खिलाड़ी 'राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय गतिविधियों या कारणों' से संबंधित चीजों का प्रदर्शन नहीं कर सकता है।

धोनी को 2011 में भारतीय सेना के पैराशूट रेजिमेंट का मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बनाया गया था और उन्होंने 2015 में पैरा ब्रिगेड के तहत बेसिक ट्रेनिंग भी हासिल की थी। धोनी के ग्लव्स पर बना डैगर चिन्ह इस रेजिमेंट का प्रतीक है।

धोनी के ग्लव्स को लेकर विनोद राय का तर्क इस बात पर आधारित है कि पैरा-रेजिमेंटल के प्रतीक चिन्ह में 'बलिदान' लिखा हुआ है, जो धोनी द्वारा पहने गए ग्लव्स में नहीं था। लेकिन अगर आईसीसी अपने नियमों को लेकर सख्त हुआ तो बीसीसीआई की ये कमजोर पड़ सकती है।

सीओए ने इस मामले में हस्तक्षेप सोशल मीडिया में आईसीसी के फैसले के खिलाफ फैंस की नाराजगी के बाद आया है।

ये पूछे जाने पर कि अगर आईसीसी इसे हटाने को लेकर सख्त हुआ तो बीसीसीआई क्या कदम उठाएगा। राय ने कहा, 'उन्होंने इसे हटाने के लिए निवेदन किया है, निर्देश नहीं दिया है।'

उन्होंने कहा, जहां तक हमारा सवाल है, 'बीसीसीआई सीईओ (राहुल जोहरी) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले वहां पहुंचेंगे और आईसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों से बात करेंगे।'