नई दिल्ली: अभिनेता गिरीश कर्नाड का लंबी बीमारी से जूझने के बाद बेंगलुरु में अपने निवास स्थान पर निधन हुआ. कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा गिरीश कर्नाड के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है. जाने माने लेखक और दक्षिण भारतीय रंगमंच के पुरोधा गिरीश काफी समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वो 10 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं और दक्षिण भारतीय रंगमंच और फिल्मों का पितामह माना जाता था.

वो बॉलीवुड में आखिरी बार 'टाइगर जिंदा है' में अभिनेता सलमान खान के साथ नज़र आए थे. इस फिल्म में गिरीश कर्नाड की नाक पर एक ट्यूब लगी थी. फिल्म में दिखाया गया था कि RAW चीफ के रुप में उनका किरदार काफी बीमार है. लेकिन वो असल ज़िंदगी में बीमार थे और नाक में लगी इस नली के ज़रिए उन्हें ज़रुरी दवा व खाना दिया जा रहा था.

गिरीश कर्नाड भारत में 8 ज्ञानपीठ सम्मान पाने वाले लोगों में से एक थे. आर के नारायण की 'मालगुड़ी डेज़' में उन्होंने स्वामी के पिता का किरदार भी निभाया था. उनके द्वारा लिखे गए – हयावदना, ययाति, तुगलक जैसे नाटक को बतौर सिलेबस कर्नाटक और अन्य राज्यों में पढ़ाया जाता है.

कन्नड़ रंगमंच और साहित्य के लिए उनका योगदान यागदार रहा. बीते तीन सालों से वो काफी बीमार थे. आज सुबह तड़के विभिन्न अंगो के निष्क्रिय हो जाने से उनका देहांत हुआ