लखनऊ: शारदा नदी के बेसिन में एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन पर ऑक्सफैम इंडिया, उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय और ग्रामीण विकास सेवा द्वारा आज एक क्षेत्रीय परामर्श का आयोजन किया गया। लखीमपुर के समुदाय के सदस्यों के साथ विद्वानों, जल विशेषज्ञों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने परामर्श में भाग लिया।

श्री मुकुंद उपाध्याय, कार्यक्रम अधिकारी-डीआरआर, ऑक्सफैम इंडिया ने एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और दक्षिण एशिया के ट्रांसबाउंडरी नदि परियोजना के महत्व को पेश किया। विभिन्न जल विशेषज्ञ डॉ. ए.एन. सिंह- पूर्व निदेशक, रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, उत्तर प्रदेश और चावल अनुसंधान संस्थान, फिलीपींस के सलाहकार; डॉ. राजीव मोहन-भूजल विशेषज्ञ, प्रमिल दिवेदी- पत्रकार और डॉ. भानू- सचिव पूर्वांचल ग्रामीण विकास संस्थान ने पैनल चर्चा में IWRM एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और एकीकृत नदी आधार प्रबंधन (IRBM) और विभिन्न विनियामक तंत्र के बीच संबंध पर चर्चा की, जो एक प्रभावी विकेन्द्रीकृत जल प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

पैनलिस्ट ने शारदा नदी के बेसिन में एक व्यापक IWRM और IRBM ढांचे को विकसित करने में महत्वपूर्ण माने जाने वाले खतरों, भूजल की कमी,और पीने के पानी की गुणवत्ता जैसे कुछ प्रासंगिक मुद्दों पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश में एक प्रभावी IWRM और IRBM ढांचे को विकसित करने में संस्कृति और सामुदायिक आवाजों के पर्याप्त महत्व को बहुत अच्छी तरह से स्वीकार किया गया और इस आयोजन में भाग लेने वाले विभिन्न हितधारकों द्वारा महत्वपूर्ण माना गया।

श्री एकलव्य प्रसाद, जल विशेषज्ञ और राजन सुबेदी, TROSA थीम लीड, ऑक्सफैम नेपाल ने सहभागितापूर्ण जल शासन और नागरिक विज्ञान दृष्टिकोण पर क्रमश: लखीमपुर खीरी के समुदाय के साथ एक परिचर्चा सत्र आयोजित किया और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्यवहारिक दृश्टिकोण अपनाने और समुदाय की भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया ।