नई दिल्ली: भारत ने इजराइल के साथ की गई करीब 3500 करोड़ रुपये (500 मिलियन डॉलर) की डील रद्द कर दी है। यह डील स्पाइक एंटी टैंक मिसाइल को खरीदने के लिए की गई थी। भारत ने ऐसा कदम उस समय उठाया है जब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने दावा किया कि वह दो साल में एक विकल्प के तौर पर इसी तरह की मिसाइल बनाएगा।

खबरों के अनुसार, सौदे की मंजूरी से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अस डील के रद्द होने के संबंध में इजराइल को सूचित कर दिया गया है। डीआरडीओ का दावा है कि वह वीईएम टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के साथ इजराइल जैसी मिसाइल विकसित करेगा और यह मिलाइल इजराइल की तुलना में कम कीमत पर तैयार की जाएगी।

अधिकारियों का कहना है कि डीआरडीओ द्वारा मानव-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) बनाने के प्रयास के रूप में तेजी से काम कर रहा है। DRDO ने दावा किया कि उसने पिछले सितंबर में अहमदनगर रेंज में MPATGM का मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।

बताया जा रहा है कि सेना के अधिकारी डीआरडीओ द्वारा अपनी प्रस्तावित समय सीमा और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के दावे पर संदेह कर रहे थे, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने डीआरडीओ की बात मानकर आगे कदम बढ़ाया क्योंकि यह सरकार की "मेक-इन-इंडिया" पहल को पूरा करेगा। मंत्रालय का कहना है कि अधिकारियों ने अब एक एंटी टैंक मिसाइल को प्राथमिकता दी है।

अधिकारियों का कहना है कि भारत ने पिछले साल स्पाइक मिसाइलों की खरीद करने में देरी की क्योंकि उसे एक राफेल के बाद और विवाद में घसीटे जाने का डर था। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने फ्रांसीसी लड़ाकू जेट राफेल की खरीदारी में हुई धांधली का आरोप लगाकर मुद्दा बनाया।