रांची: झारखंड के एक गांव में एक युवक की भीड़ द्वारा पिटाईके मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. पिछले मंगलवार को मोटरसाइकिल चोरी करने के आरोप में 24 वर्षीय तबरेज अंसारी की पिटाई से मौत के मामले में पुलिस कम से कम एक और व्यक्ति की तलाश है.
तबरेज अंसारी के एक रिश्तेदार के मुताबिक अंसारी गत मंगलवार को अपने कुछ दोस्तों के साथ जमशेदपुर से सरायकेला खरसावां जिले के धतकिडिह गांव गया था. इसी दौरान उसके घर से करीब पंच किलोमीटर दूर भीड़ ने उस पर हमला किया.

लोगों का आरोप है कि तबरेज ने मोटरसाइकिल चुराई थी. भीड़ ने उसे एक खंभे से बांध दिया और कई घंटों तक उसकी लाठियों से पिटाई की. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया जिसमें उसकी पिटाई करने वाले उससे 'जय श्रीराम' और 'जय हनुमान' के नारे लगवा रहे हैं. जब वह बेहोश हो गया तो उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. शनिवार को चार दिन की पुलिस हिरासत के बाद जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो उसे मृत घोषित कर दिया गया.

उसके परिवार का आरोप है कि तबरेज के विनती करने के बावजूद पुलिस ने उसका पर्याप्त उपचार नहीं कराया. परिवार को उससे मिलने भी नहीं दिया. वह अस्पताल ले जाने से काफी समय पहले मर चुका था. उसके परिवार ने पुलिस और डॉक्टरों समेत मामले में लिप्त सभी लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.

इस घटना पर देश भर में नाराजगी उभरने के बाद पुलिस ने अपनी खामी स्वीकार की और इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. दो पुलिस अधिकारियों चंद्रमोहन ओरांव और बिपिन बिहारी को सस्पेंड कर दिया गया. झारखंड सरकार ने एक बयान में कहा है कि पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसके बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित नहीं किया और घटना के दिन ही भीड़ के हमले का केस दर्ज नहीं किया.

इस घटना को लेकर झारखंड के मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि भीड़ द्वारा हत्या की घटना को लेकर राजनीति करना गलत है. उन्होंने कहा कि "ऐसी घटनाओं को भाजपा, आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल के साथ जोड़ दिया जाता है. यह 'कट और पेस्ट' का समय है, कौन इन शब्दों को फिट करता है, कहना मुश्किल है."

महबूबा ने लिखा कि 'भाजपा शासित झारखंड में तबरेज़ अंसारी को मौत के घाट उतार दिया गया. हिंदुओं की भीड़ ने उसकी बेरहमी से पिटाई की क्योंकि उसने 'जय श्री राम' का नारा लगाने से इनकार कर दिया था. क्या यह एनडीए 2.0 का न्यू इंडिया है? ये कौन सा तरिका है सबका विश्वास जीतने का?'

हैदराबाद के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया भीड़ के करीब सभी हमलों का यह एक पैटर्न है. सबसे पहले, एक मुस्लिम की हत्या गाय प्रेमियों द्वारा की जाती है. इसके बाद हास्यास्पद बहाने शुरू होते हैं: गोमांस कब्जे में, चोरी, तस्करी और लव जिहाद का 'संदेह'. जब हम केवल 'संदेह' पर मारे जा सकते हैं, तो कैसा सबका विश्वास."

फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'फैक्ट चैकर डॉट इन' के आंकड़ों के मुताबिक तबरेज अंसारी की मौत इस साल नफरत के कारण हुई 11वीं वारदात है. इनमें से 59 फीसदी केसों में पीड़ित मुस्लिम हैं. इनमें से 28 प्रतिशत केस गाय से संबंधित मामलों के हैं.