दलित, पिछड़ा और महिलाओं को मिलेगी अहम जिम्मेदारी

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट गई है। पार्टी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में संगठन को नया रूप देने का काम शुरू कर दिया है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद दो दिन पहले ही अपनी जिला कमेटियों को भंग किया था।

इसके बाद से पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में संगठन के पुनर्गठन और समीक्षा का काम शुरू हो गया है। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश को लेकर इस तरह की अभी कोई कवायद शुरू नहीं हुई है।

इससे पहले सोमवार 23 जून को जिला समितियों को भंग करने के बाद जिन विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने हैं वहां दो-दो सदस्यों को चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर नियुक्त किया गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में संगठन में बदलाव करने की जिम्मेदारी कांग्रेस विधानसभा नेता अजय कुमार लल्लू को दी गई है। इस पूरी बदलाव की कवायद से जुड़े एक पार्टी नेता ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 38 जिलों के दौरे के लिए चार टीमें बनाई गई हैं।

इन चार सदस्यों में अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी (एआईसीसी) सचिव और प्रियंका गांधी की तरफ से चुने गए वरिष्ठ नेता शामिल हैं। ये टीम स्थिति की जानकारी लेने के लिए क्षेत्र में कम से कम दो दिन बिताएगी। इसके बाद यह पार्टी आलाकमान को फीडबैक देगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार जिला समितियों में बड़े पैमाने पर दलितों, पिछड़े नेताओं और महिलाओं को महत्वपूर्ण पद दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त पार्टी में युवाओं को जोड़ने पर फोकस किया जाएगा।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था। पार्टी को राज्य की 80 में महज एक सीट पर जीत मिली थी। पार्टी के लिए यह सीट रायबरेली के रूप में सोनिया गांधी ने जीती थी। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पारंपरिक अमेठी सीट इस बार गंवा बैठे। राहुल को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हराया।

इससे पहले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के मजबूत करने के लिए पूर्वी और पश्चिम उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप में दो प्रभारियों को नियुक्त किया था।