नई दिल्ली. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में इनकम टैक्स की दरों में बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, टैक्स के दायरे को बढ़ाने के लिए सरकार ने ठेकेदारों या पेशेवरों पर टीडीएस बढ़ा दिया है। बजट के मुताबिक 50 लाख रुपए सालाना से अधिक का भुगतान करने वाले व्यक्ति के लिए पांच फीसदी की दर से टीडीएस देना जरूरी कर दिया है।

बजट में वह व्यक्ति या हिंदू संयुक्त परिवार (एचयूएफ) जो 50 लाख रुपए से ज्यादा पेमेंट किसी प्रोफेशनल और कॉन्ट्रेक्टर को देते हैं, उसे पांच फीसदी टीडीएस देना होगा। यदि आप किसी एक ठेकेदार को घर की मरम्मत, शादी के आयोजन के लिए 50 लाख रुपए से ज्यादा ठेका दे रहे हैं। ऐसे में आपको इस ट्रांजेक्शन में पांच फीसदी का टीडीएस देना पड़ेगा।

आपको बता दें कि अभी तक व्यक्ति या हिंदू संयुक्त परिवार (एचयूएफ) का कारोबार या पेशा ऑडिट के दायरे में नहीं आता है, उसे निजी उपभोग के लिए किसी स्थायी ठेकेदार या पेशेवर की सेवा का भुगतान करने पर टीडीएस नहीं काटना होता है।

प्रॉपर्टी पर लगने वाले टीडीएस की प्रक्रिया को भी जल्द ही बदला जा सकता है। प्रॉपर्टी खरीदते वक्त क्लब मेंबरशिप फीस, कार पार्किंग, बिजली और पानी बिल, मेंटनेंस फीस और एडवांस फीस आदि को मूल फीस पर जोड़ा जाएगा। इसके बाद प्रॉपर्टी में टीडीएस तय होगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ये संशोधन 1 सितंबर 2019 से प्रभाव में आएगा। आपको बता दें कि फिलहाल प्रॉपर्टी में लगने वाले टीडीएस को जोड़ते वक्त इन सभी चार्ज को हटा दिया जाता है। केवल प्रॉपर्टी की कीमत के आधार पर टीडीएस लगाया जाता है।

बजट में टीडीएस की प्रोसेस को सरल बनाया गया है। इसके तहत टीडीएस की राशि को व्यक्ति अपने पैन के जरिए सरकारी खजाने में जमा करा सकेगा।आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में सरकार ने पैन की जगह आधार कार्ड के इस्तमाल की छूट देने का भी प्रस्ताव किया है।

बजट में भारतीय निवासियों द्वारा अनिवासियों को धन या देश में स्थित संपत्ति के रूप में कर-तोहफा देने का भी प्रस्ताव किया है। इस तरह के तोहफे पांच जुलाई 2019 के बाद से दिए जा सकेंगे।