नई दिल्ली: राजस्थान के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता काली चरण सर्राफ का एक बयान पार्टी के लिए मुसीबत बन सकता है। उन्होंने रेप जैसे मुद्दे पर बयान दिया है। उनके मुताबिक दुष्कर्म एक ऐसी चीज है जो रुक नहीं सकती है। लेकिन रेप जैसे मामलों में 87 फीसद की बढ़ोतरी चिंता का विषय है। वो कहते हैं कि आपने देखा होगा इस तरह के मामलों में ज्यादातर आरोपी पीड़ितों के परिचित होते हैं। इस तरह के हालात में आप इस तरह की घटनाओं को कैसे रोक सकते हैं।

काली चरण सर्राफ ने कहा कि राजस्थान की मौजूदा सरकार इस संबंध में बड़े बड़े वादे और दावे करती रही है।लेकिन आप देख सकते हैं कि प्रदेश में दुष्कर्म की वारदातों में इजाफा हुआ है। गहलोत सरकार सिर्फ जुबां के जरिए इस तरह की वारदातों पर नकेल कसने का दावा करती है। ये बात अलग है कि सीएम की नाक के नीचे प्रदेश की राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। जब इस तरह की तस्वीर जयपुर की है तो राज्य के अलग अलग हिस्सों ंमें क्या कुछ हो रहा होगा उसके बारे में आप अंदाजा लगा सकते हैं।

काली चरण सर्राफ अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जो इस तरह के बयान के लिए जिम्मेदार हैं। देश के अलग अलग सूबों में सिर्फ नेताओं की पहचान बदल जाती है। लेकिन उनके बयान के टेस्ट में किसी तरह का बदलाव नहीं होता है। अगर यूपी की बात करें तो बीजेपी के विधायक सुरेंद्र सिंह और योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी ने रेप के संबंध में विवादित बयान दिया था। उन लोगों के मुताबिक रेप जैसी वारदात के लिए आप सिर्फ किसी खास लोगों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं।

योगी सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी ने यहां तक कहा था कि बहुत सी ऐसी महिलाएं होती हैं जो लिव-इन में रहती हैं और बात खराब होने पर आरोप लगा देती हैं। उनका यह बयान अलीगढ़ में टप्पल कांड के बाद आया था जिसके बाद जमकर राजनीति होने के साथ साथ बयानबाजी शुरू हो गई ।