भारत की पहली एथेनाॅल आधारित मोटरसाइकल

दुनिया की प्रतिष्ठित दोपहिया एवं तिपहिया निर्माता टीवीएस मोटर कंपनी ने आज भारत की पहली एथेनाॅल आधारित मोटरसाइकल- टीवीएस अपाचे आरटीआर 200 एफआईई100 के लाॅन्च केे साथ उद्योग जगत में नए बेंचमार्क स्थापित किए हैं। मोटरसाइकल का लाॅन्च माननीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी; नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन श्री वेनु श्रीनिवासन द्वारा किया गया। टीवीएस मोटर कंपनी ने दिल्ली में आयोजित आॅटो एक्स्पो 2018 में सबसे पहले टीवीएस अपाचे 200 4वी एथेनाॅल अवधारणा को प्रदर्शित किया था। टीवीएस अपाचे टीवीएस मोटर कंपनी का प्रमुख ब्राण्ड है जिसके दुनिया भर में 3.5 मिलियन से अधिक संतुष्ट उपभोक्ता हैं। इस लाॅन्च के अवसर पर श्री वेनु श्रीनिवासन, चेयरमैन, टीवीएस मोटर कंपनी ने कहा, ‘‘हमें माननीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन जयराम गड़करी की मौजूदगी में टीवीएस अपाचे आरटीआर 200 एफआईई100 का लाॅन्च करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, जिन्होंने देश में भावी मोबिलिटी को अंजाम देने के लिए योजना तैयार की है।’’ श्री श्रीनिवासन ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘आज दोपहिया उद्योग इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड वाहनों एवं वैकल्पिक ईंधन के माध्यम से परिवहन के हरित एवं स्थायी भावी समाधानों की ओर रुख कर रहा है। टीवीएस मोटर कंपनी का मानना है कि एथेनाॅल आधारित उत्पाद हमारे उपभोक्ताओं के लिए अच्छा विकल्प हैं। वाहनों में ईंधन के रूप में एथेनाॅल का इस्तेमाल आसान होने तथा पर्यावरण पर इसके सकारात्मक प्रभावों के मद्देनज़र उपभोक्ता को वाहन के परफोर्मेन्स और कुल लागत में किसी तरह का समझौता नहीं करना पड़ता। टीवीएस अपाचे आरटीआर 200 एफआईई100 दोपहिया उद्योग की सफलता है, जो भारत में हरित भविष्य की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगी।’’ एथेनाॅल को पौधों से मिलने वाले नव्यकरणीय स्रोतों से डोमेस्टिक रूप से बनाया जाता है। यह गैर-विषैला, जैव अपघटनी ईंधन है, साथ ही इसे हैण्डल, संग्रहित एवं स्थानान्तरित करना भी आसान है। 35 फीसदी आॅक्सीजन से युक्त आॅक्सीजिनेटेड ईंधन, एथेनाॅल दहन के दौरान नाइट्रोजन आॅक्साईड के उत्सर्जन को कम करता है। इसके अलावा एथेनाॅल कार्बन मोनो आॅक्साईड, पार्टीकुलेेट मैटर एवं सल्फर-डाई-आॅक्साईड के उत्सर्जन को भी कम करने में मदद करता है। ईंधन के रूप में एथेनाॅल का इस्तेमाल करने से पेट्रोलियम के आयात पर निर्भरता कम होती है और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।