वाघा बॉर्डर पर भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता खत्म

वाघा [पाकिस्तान]: भारतीय टीम करतारपुर कॉरिडोर और उससे जुड़े टेक्निकल मुद्दों के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ आज (रविवार) वाघा सीमा पार पाकिस्तान में दूसरे दौर की बातचीत की। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर को शुरु करने को लेकर और ड्राफ्ट समझौते पर 80% से अधिक सहमति बन गई। सहमति मे कहा गया कि कॉरिडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाना सुगम बनाएगा। वे इस गलियारे के जरिए वीजा फ्री इंट्री होगी। उन्हें करतारपुर साहिब जाने के लिए सिर्फ एक परमिट लेना होगा।

वाघा में रविवार को 4 घंटे चली दूसरे दौर की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद फैसल ने कहा, 'बातचीत में सकारात्मक प्रगति हुई है, दोनों देशों के बीच करतारपुर कॉरिडोर समझौते के संबंध में 80% और उससे अधिक सहमति बन गई है।' फैसल ने कहा कि दोनों पक्ष आगे होने वाली बैठक में बाकी 20% मामलों को सुलझा लेंगे।

फैसल ने कहा, 'जब तक अंतिम मसौदे पर सहमति नहीं बन जाती, हम इसे साझा नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि अनसुलझे मामलों पर हमें एक और बैठक करनी होगी।' भारतीय सिखों को परमिट जारी करने पर उन्होंने कहा, यह संख्या 5000 से 8000 हो सकती है। मैं सटीक संख्या नहीं बता सकता। इस पर अभी निर्णय लिया जाना है। फैसल ने कहा कि पाकिस्तान ने शांति का पौधा रोपा है।, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान क्षेत्र में शांति चाहते हैं।

भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ बातचीत में बुनियादी ढांचे, तीर्थयात्रियों के आवागमन और सुरक्षा सहित कई प्रमुख मुद्दों को उठाया। भारत ने पाकिस्तान की ओर से सड़क निर्माण की वजह से डेरा बाबा नानक में संभावित बाढ़ को लेकर भी चिंता जताई।

भारत पहले से ही करतारपुर कॉरिडोर के लिए सभी मौसम की कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए अपनी तरफ से एक पुल का निर्माण कर रहा है, पाकिस्तान से भी अपनी तरफ से इसी तरह का पुल बनाने का आग्रह किया है क्योंकि यह तीर्थयात्रियों को सकुशल और सुरक्षित आवागमन प्रदान करेगा। अन्य प्रमुख मुद्दों में तीर्थयात्रियों की संख्या होगी जो पूरे वर्ष तीर्थयात्रियों के गलियारे, सुरक्षित और निर्बाध आवाजाही तक पहुंचने की अनुमति देंगे, चाहे वे अकेले या ग्रुपों में यात्रा करेंगे और चाहे वे ट्रांसपोर्ट या पैदल यात्रा करे।

इससे पहले, दोनों देशों को दूसरे दौर की वार्ता के लिए पाकिस्तान में 2 अप्रैल को मिलने की उम्मीद थी, जो कॉरिडोर से जुड़ी एक कमिटी में पाकिस्तान द्वारा 'विवादास्पद एलिमेंट' की नियुक्ति के बारे में रिपोर्ट सामने आने के बाद स्थगित कर दिया गया था। भारत कॉरिडोर के निर्माण में 500 करोड़ रुपए खर्च करेगा। स्पेशल अवसरों पर 10,000 तीर्थयात्रियों और हर दिन 5000 तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाईटेक सुरक्षा और निगरानी सिस्टम स्थापित किया जाएगा। हर मौसम में जाने की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। बातचीत से एक दिन पहले पाकिस्तान ने अपनी सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (PSGPC) सूची को पुनर्गठित किया, जिससे खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह चावला को सूची से हटा दिया गया था, क्योंकि भारत ने आपत्ति जताई थी।

भारत-पाकिस्तान सीमा के साथ करतारपुर मार्ग पंजाब में गुरदासपुर से तीन किलोमीटर दूर है। एक बार यह रास्ता खोलने के बाद, सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के करतारपुर में ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सीधे पहुंचने में मदद करेगा। जहां गुरु नानक देव की मृत्यु 1539 में हुई थी। सूत्रों ने बताया कि गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती से पहले कॉरिडोर का काम 31 अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिर से चुने जाने के बाद कॉरिडोर पर दूसरे दौर की वार्ता की घोषणा की गई। पहला दौर की वार्ता 14 मार्च को अटारी-वाघा सीमा के पास भारत की तरफ हुई थी, इस दौरान दोनों देशों के बीच समझौते के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के मुद्दों पर चर्चा की गई थी।