नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन हो गया है। शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष भी थीं और काफी लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं। तीन बार शीला दीक्षित की बाईपास सर्जरी हुईं थी और आज सुबह उल्टी की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के एस्कार्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शीला दीक्षित का निधन का अचानक निधन कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। 81 साल की शीला दीक्षित को कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता था। उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उन्हें अपना मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया था हालांकि चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था।

शीला दीक्षित दिसंबर 1998 से दिसंबर 2013 तक दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकी थीं. मुख्यमंत्री रहने के बाद शीला दीक्षित केरल की राज्यपाल भी रह चुकी थीं. वर्तमान में वे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष थीं. वे लंबे समय से थीं बीमार चल रही थीं. 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. ​वे दिल्ली की दूसरी महिला मुख्य मंत्री थीं. 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांगेस पार्टी की मुख्यमंत्री पद लिए उम्मीदवार घोषित की गई थीं.

शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था. वे इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में उत्‍तर-पूर्व दिल्‍ली से लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं थीं. हालांकि, उन्हें भाजपा के मनोज तिवारी ने हरा दिया था. निधन से कुछ दिनों पहले तक वह राजनीति में बहुत सक्रिय थीं. हाल ही में उन्होंने दिल्ली के कुछ जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी की थी. उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता था.

शीला दीक्षित ने राजनीति के गुर सीखे अपने ससुर उमाशंकर दीक्षित से सीखे, जो इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में गृहमंत्री थे और बाद में कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रहे. उनका विवाह उमाशंकर दीक्षित के बेटे से हुआ था. इनके पति विनोद दीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे.