कोलकाता: विराट कोहली ने भले ही रवि शास्त्री को बतौर मुख्य कोच पहली पसंद बताया हो, लेकिन इसे चुनने वाली समिति खुले दिमाग से इस बारे में निर्णय लेगी. क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य अंशुमन गायकवाड़ ने मंगलवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि सीएसी कोच चुनने के लिए खुले दिमाग से जाएगी और बिना किसी प्राथमिक सोच के इंटरव्यू लेगी. प्रशासकों की समिति (सीओए) द्वारा बनाई गई नई क्रिकेट सलाहकार समिति में कप्तान कपिल देव, गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी शामिल हैं.

कोच चुनने की प्रक्रिया लंबी खिंचने की संभावना है. इसी कारण टीम के मौजूदा कोचिंग स्टाफ का करार वेस्टइंडीज दौरे के लिए बढ़ा दिया गया है. गायकवाड़ ने नए कोच के चयन पर बात की. उन्होंने कहा, ‘हम खुले दिमाग से इंटरव्यू लेने बैठेंगे. इंटरव्यू होने हैं और भारत के अलावा विदेशों से भी लोग उसमें हिस्सा लेंगे. हमें वहां जाकर चीजें देखनी हैं.’

विंडीज दौर पर जाने से पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि टीम शास्त्री को बनाए रखने से खुश होगी. कोहली ने साथ ही कहा था कि सीएसी ने अभी तक उनसे कोच के मुद्दे पर बात नहीं की है. अगर समिति चाहेगी तो कोहली अपनी राय देने के लिए तैयार होंगे. गायकवाड़ से जब कोच चुनने की प्रक्रिया में कोहली से राय लेने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘कप्तान कुछ भी कह सकते हैं. इससे हमें परेशानी नहीं है. हम समिति है और वो उनका विचार है और बीसीसीआई इस पर सोचेगी, हम नहीं.’

अंशुमन गायकवाड़ ने कहा, ‘यह बीसीसीआई पर निर्भर है. बीसीसीआई को हमें गाइडलाइन्स देनी हैं. इसके बाद हम उनके हिसाब से चलेंगे. वे पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें क्या चाहिए. जब हमने महिला टीम के कोच का चुनाव किया था तब हमने किसी से बात नहीं की थी. हमने सब कुछ अपने आप किया था.’

गायकवाड़ से जब कोच की योग्यता के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं भी कोच रहा हूं. कपिल भी कोच रहे हैं. जो जरूरी है वो है मैन मैनेजमेंट, रणनीति और तकनीकी विशेषता.’ उन्होंने कहा, ‘ये तीनों चीजें एक कोच के सफल होने के लिए बेहद जरूरी हैं. भारतीय टीम अच्छा कर रही है. उनसे और अच्छा करवाने के लिए इन तीनों चीजों का होना जरूरी है. कई सारी चीजें हैं, लेकिन यह चीजें जरूरी हैं.’ गायकवाड़ ने कहा, ‘मैं बीसीसीआई से बात करने का इंतजार कर रहा हूं कि किस तरह से चीजें होनी हैं. कुछ गाइडलाइंस का कि कब होना है.’