अमृता विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर के स्कूल आॅफ बिजनेस ने प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र सस्टेनेबल लिटरेसी टेस्ट (सॉलिटेस्ट) में स्थान हासिल किया है। यह गौरव हासिल करने वाला यह एकमात्र भारतीय संस्थान है, जो उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों के बीच सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के बारे में ज्ञान का मूल्यांकन करता है। संयुक्त राष्ट्र में हाई-लेवल पाॅलिटिकल फोरम (एचएलपीएफ) ने अपने वार्षिक फाॅलो-अप और ‘एजेंडा फाॅर सस्टेनबिलिटी-2030‘ की समीक्षा के दौरान 2019 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। हायर एजुकेशन सस्टेनबिलिटी इनिशिएटिव-एचईएसआई के तहत सस्टेनेबल लिटरेसी टेस्ट (सॉलिटेस्ट) को सतत विकास लक्ष्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र की साझेदारी की पहल के तहत 2016 में मान्यता दी गई थी। अगले वर्ष यानी 2017 में इसे दूसरी यूनेस्को ग्लोबल एजुकेशन माॅनिटरिंग रिपोर्ट में स्थान मिला। 2017 तक हाई-लेवल पाॅलिटिकल फोरम के जरिये 2030 के एजेंडा की समीक्षा में भी सस्टेनेबल लिटरेसी टेस्ट (सॉलिटेस्ट) को प्रमुख योगदानकर्ता माना गया।कुलपति अम्मा के मार्गदर्शन में अमृता विश्वविद्यालय अध्ययन के सभी विषयों में सस्टेनेबल डेवलपमेंट को पढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। अमृता विश्वविद्यालय में एमबीए के छात्रों ने पर्यावरण प्रबंधन और सतत विकास (ईएमएसडी) नामक एक मुख्य पाठ्यक्रम का अध्ययन किया है और सस्टेनेबल लिटरेसी टेस्ट इसी पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग है।पिछले चार वर्षों से 1000 से अधिक अमृता एमबीए छात्रों ने सस्टेनेबल लिटरेसी टेस्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया है और यह दर्शाता है कि सस्टेनेबल लिटरेसी टेस्ट एकीकृत उत्कृष्ट शिक्षण उपकरण के रूप में कितना प्रभावशाली है। अमृता स्कूल ऑफ बिजनेस के चेयरमैन डाॅ रघुरामन के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में अकादमिक संगठन द्वारा किए गए परीक्षणों की संख्या के आधार पर अमृता स्कूल ऑफ बिजनेस का उल्लेख प्रमुखता के साथ किया है। डाॅ रघुरामन ने संयुक्त राष्ट्र के इस वार्षिक कार्यक्रम में अमृता विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया था।2019 में विश्वविद्यालय ने शीर्ष 20 संस्थानों में 10 पायदान के साथ अपनी स्थिति में सुधार किया, जबकि 2018 में यह शीर्ष 30 संस्थानों में से एक था। अमृता स्कूल ऑफ बिजनेस में छात्र सस्टेनेबल लिटरेसी टेस्ट के कई शिक्षण मॉड्यूल के सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। वे 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) और 169 अच्छी तरह से परिभाषित लक्ष्यों के बारे में जागरूकता बनाने के लिए अपनी खोज में संकाय और छात्रों को संलग्न करने के लिए एक अभिनव उपकरण के रूप में साॅलिटेस्ट का उपयोग करते हैं, जिसका उद्देश्य ‘‘हमारी दुनिया को बदलना‘‘ है।डॉ संजय बनर्जी, प्रोफेसर एमेरिटस स्कूल ऑफ बिजनेस, कोयम्बटूर संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की भावना और विश्वविद्यालय के मिशन के बीच महत्वपूर्ण तालमेल को रेखांकित करते हुए कहते हैं, ‘‘हमारी कुलपति, माता अमृतानंदमयी देवी ने जुलाई 2015 में यूएन एकेडेमिक इम्पैक्ट इनिशिएटिव (यूएनएआई) में संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को अपने पाठ्यक्रम में एकीकृत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। इसी प्रतिबद्धता के अनुसार, अमृता स्कूल ऑफ बिजनेस ने एमबीए छात्रों के लिए ‘एनवायर्नमेंट मैनेजमेंट फाॅर सस्टेनेबल डेवलपमेंट‘ नामक एक प्रमुख पाठ्यक्रम तैयार किया। साॅलिटेस्ट का उपयोग इस कोर्स में प्रेक्टिस और परीक्षा मोड दोनों में किया जाता है।‘‘