अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अयोध्या विवाद में मध्यस्थता से कुछ नहीं होगा। इससे कोई हल नहीं निकलने वाला है। यह बात वह पहले से जानते थे। महाभारत काल में भी मध्यस्थता फेल हुई थी।

मुख्यमंत्री शनिवार को अयोध्या में थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई होनी है और उन्हें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट जन भावनाओं का सम्मान करेगी। जिस हक से अयोध्या को वंचित किया गया था, वो हक अयोध्या को मिलना चाहिए। सीएम ने कहा कि पुरातन शहर अयोध्या के आध्यात्मिक गौरव को बनाए रखना होगा। अयोध्या को हमेशा से बदनाम करने का प्रयास होता था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में पिछले दो सालों में उत्तर प्रदेश सरकार ने काफी बदलाव किया है। 2017 से पहले अयोध्या में 3 से 4 घंटे ही बिजली मिलती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। अयोध्या की दीपावली को सभी ने सराहा। यहां पर सौंदर्यीकरण को लेकर भी काफी काम हुए। अयोध्या पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण जगह बने इस कार्ययोजना पर भी काम किया जा रहा है। इससे यहां के नौजवानों को रोजगार मिलेगा क्योंकि अयोध्या उनके पास है। उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या को ऊंचाईयों पर पहुंचाने के लिए काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भी सफाई को लेकर विशेष पहल की ज़रूरत है। सीएम योगी ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि जैसे अब्राहम लिंकन ने अश्वेतों को दासता और नेल्सन मंडेला ने रंगभेद से मुक्ति दिलाई उसी प्रकार पीएम मोदी ने जातिवाद, कुरीतियों से मुक्ति दिलाकर नए भारत की सुदृढ़ नींव डाली है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू तट पर पहुंचकर मीरापुर दोआबा में भगवान श्रीराम की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद सीएम योगी ने दिंगबरअखाड़ा में पहुंच कर परमहंस रामचंद्र दास को श्रद्धांजलि दी। साथ ही दिगंबर अखाड़े में बने अतिथि गृह का लोकार्पण किया। इसके बाद गुप्तार घाट के माझा जमथरा पहुंचकर 133 करोड़ की परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया।