लखनऊ: कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अतं की घोषणा के बाद मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कश्मीर घाटी के हर धर्म के लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि कश्मीर हमारे दिल का टुकडा है, हमारे शरीर का एक अगं है। यदि उन्हें पीडा होती हैं, तो हम भी आहत महसूस करते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह भारत से अलग होने की बात करें और हम फिर भी उनका साथ देते रहें, क्योंकि हम उन्हें अपने दिल का टुकड़ा मानते है , और दिल के टुकड़े को अलग करने के बारे में बात नहीं की जाती।मौलाना ने कहा कि कश्मीरी अलगाववादियों के बहकावे में हरगिज़ ना आयें।

मौलाना ने अलगाववादियों की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ वह भारत से अलग होने की बात करते हैं और दूसरी तरफ वह भारत सरकार से सभी सुविधाएं चाहते हैं, यह कैसे संभव है? आपको सरकार से बात करनी चाहिए और अपने आप को भारत का हिस्सा मानना चाहिए,एसा मानते हुए ही आप सरकार से सुविधाएं मांग सकते है। मौलाना ने कहा कि हम भी कशमीर के लोगों को अधिकतम सुविधाएं दिलवाने की कोशिश करेंगे, क्योंकि कश्मीर में बहुत गरीबी है,जो भारत में दलितों को विशेष सुविधाएं हासिल हैं,कश्मीर को भी उसी तरह विशेष सुविधाएं दी जानी चाहिएं। अलगाववादी होते हुए सुविधाओं की मॉग करना सही नहीं है।
मौलाना ने कहा कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद, कश्मीर को अन्य राज्यों की तरह समान दर्जा दिया गया है।इस पर आपको प्रर्दशन करने की कोई ज़रूरत नही है। मौलाना ने कहा कि अलगाववादियों को पुलिस और सेना से भिडने के बजाय बातचीत की मेज़ पर आना चाहिए, वार्ता सभी समस्याओं का समाधान है। भारत का हिस्से होने के रूप में आपको वह सभी अधिकार मिलेंगे जो भारत के नागरिकों को हासिल हैं। 370 के अतं से कश्मीर को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि भारत के अन्य हिस्सों में जहां 370 लागू नहीं है,वहॉ के लोगों को बुनियादी अधिकार मिल रहे हैं और वह शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं।