नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने का सरकार का फैसला देश के अधिकतर लोगों की अभिलाषा के अनुसार नहीं है और भारत के विचार को जीवंत बनाए रखना है तो जम्मू- कश्मीर के नागरिकों की आवाज सुनी जानी चाहिए।

सिंह ने यह भी कहा कि भारत ‘‘गहरे संकट’’ के दौर से गुजर रहा है और इसे समान विचार वाले लोगों के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश की अधिकांश जनता की अभिलाषा का इसमें ध्यान नहीं रखा गया। महत्वपूर्ण है कि इन सभी लोगों की आवाज सुनी जाए। हम केवल अपनी आवाज उठाकर सुनिश्चित कर सकते हैं कि दूरगामी रूप से भारत का विचार जीवंत रहे, जो हमारे लिए बहुत पवित्र है।’’

मनमोहन सिंह ने अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी एस जयपाल रेड्डी को श्रद्धांजलि देने के बाद पहली बार जम्मू- कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। सिंह ने रेड्डी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वह ऐसे कठिन समय में हमें छोड़कर गये हैं जब ‘‘बुरी ताकतें भारत के विचार को तबाह करने पर आमादा लगती हैं।’’ उन्होंने कहा कि रेड्डी आशावादी थे और अच्छे इंसान थे।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के महासचिव डी राजा समेत कई नेताओं और पूर्व नौकरशाहों ने रेड्डी को श्रद्धांजलि दी। रेड्डी का जुलाई में हैदराबाद में निधन हो गया था।