लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर का राज्यसभा की सीट पर निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है। उनके इस्तीफे से रिक्त हुई इस सीट पर उपचुनाव की प्रक्रिया चल रही है, जिसके तहत बुधवार को नामांकन का अंतिम दिन था। अभी तक इस सीट के लिए कोई भी पर्चा दाखिल नहीं हुआ था। इस सीट का कार्यकाल 25 नवंबर, 2020 तक है।

नीरज ने पिछले महीने सपा छोड़कर राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इसके बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। वहीं भाजपा द्वारा रिक्त सीट पर उन्हें ही प्रत्याशी बनाए जाने से उनका दोबारा राज्यसभा पहुंचना तय है। चुनावी गणित के हिसाब से प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार के सामने विपक्षी सदस्यों की संख्या बहुत कम है। इस सीट से भाजपा प्रत्याशी के अलावा कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं आया।

राज्यसभा की रिक्त सीट के लिए नामांकन की आखिरी तारीफ 14 अगस्त है। नामांकन भरने वाले प्रत्याशियों के पर्चों की स्क्रूटनी 16 अगस्त को होगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 19 अगस्त है। चुनाव आयोग के मुताबिक यदि जरूरी हुआ, तो मतदान 26 अगस्त को सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच किया जाएगा और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे। मंगलवार शाम तक इस एक सीट के लिए चार नामांकन पत्र बिके थे।