लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों को अभी हाल ही में अपने रूस भ्रमण के सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं कि सुदूर पूर्व रूस में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण एवं ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और व्यापार की व्यापक सम्भावनाआंे को देखते हुए भविष्य की रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि वहां पर कृषि, काॅन्ट्रैक्ट फार्मिंग, डेयरी, पशुधन एवं इससे जुड़े क्षेत्रों के विकास की सम्भावनाओं के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश और उद्यमियों के लिए निवेश के बेहतर अवसर मौजूद हैं। उन्हांेने कहा कि रूस में विकास के सभी क्षेत्रों की समन्वित रणनीति बनाते हुए एक ठोस कार्य योजना तैयार कर आगे की कार्यवाही की जाए। वहां पर निवेश के साथ-साथ रोजगार के भी कई अवसर उपलब्ध हैं। उनका उपयोग कर हम रूस-भारत के परस्पर सहयोग और विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरीडोर के लिए पूंजी निवेश और निवेशकों को आमंत्रित किए जाने के सम्बन्ध में आकर्षक रणनीति एवं पाॅलिसी बनाए जाने पर भी विचार-विमर्श किया। उत्तर प्रदेश डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस मैनुफैक्चुरिंग एण्ड इम्प्लाॅयमेण्ट प्रमोशन पाॅलिसी-2018 को और अधिक निवेशोन्मुख एवं आकर्षक बनाए जाने के लिए कतिपय संशोधनों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग इस सम्बन्ध में बैठक कर संशोधनों के साथ इस पाॅलिसी को उनके सम्मुख प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निवेश के इच्छुक उद्यमियों एवं निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर है। उन्हांेंने कहा कि डिफेंस काॅरीडोर के लिए लैण्ड बैंक की उपलब्धता तेजी के साथ सुनिश्चित की जाए। काॅरीडोर के सम्बन्ध में अभी से कार्य योजना बनाते हुए कई समिट कराए जाने की योजना पर विचार किया जाए। यह समिट कानपुर, चित्रकूट, आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, झांसी आदि में आयोजित कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरीडोर के प्रथम चरण में 500 करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य है।

यूपीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री को डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरीडोर की प्रगति से अवगत कराते हुए कहा कि 1000 हेक्टेयर भूमि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। लैण्ड बैंक के लिए तेजी से कार्यवाही की जा रही है। इस काॅरीडोर के लिए भूमि की कमी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही, आधारभूत आवश्यकताओं को भी पूरा किए जाने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अधिकारियों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मध्य राजस्व से जुड़े मामलों पर भी कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्हांेंने कहा कि इस सम्बन्ध में अध्ययन करा लिया जाए। यमुना नदी को चैनलाइज करते हुए उसकी ड्रेजिंग होने से भूमि सम्बन्धी मामलों का समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके बाद दोनों प्रदेशों के प्रमुख सचिव और उसके उपरान्त मुख्य सचिव के स्तर पर एक बैठक कर ली जाए।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के नगरों के लिए टाउन प्लानिंग बनाए जाने के भी निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में कार्य प्रारम्भ कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि कम्पाउण्डिंग की भी नीति बनाई जाए। उन्होंने कांशीराम और लोहिया आवासों के वितरण की पारदर्शी व्यवस्था अपनाते हुए इन्हें जरूरतमन्दों को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे पटरियों पर सोने वाले व्यक्तियों की रैन बसेरों में व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा में भवन खरीदारों की समस्याओं का प्राथमिकता से हल करते हुए बिल्डर्स के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कार्रवाई में विलम्ब से कई घटनाएं जन्म लेती हैं। समय रहते कार्रवाई करने से इन घटनाओं को रोका जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि सरकार द्वारा की जा रही घोषणाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित किया जाए। इसके किसी भी प्रकार की शिथिलता व कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव उद्यान सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आर0के0 सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।