थिम्पू: भारत और भूटान ने अंतरिक्ष, विज्ञान, इंजीनियरिंग, न्यायिक और संचार सहित 10 क्षेत्रों में सहयोग के करारों पर हस्ताक्षर किये हैं। भूटान की दो दिन की यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वहां के प्रधानमंत्री लोतेय शेरिंग के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में निदेशक और भूटान के सूचना और संचार मंत्रालय में निदेशक ने हस्ताक्षर किये। इससे भूटान को संचार, लोक प्रसारण और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मदद मिलेगी। भूटान की जरूरत के अनुसार अतिरिक्त बैंडविड्थ और ट्रांसपोंडर भी उपलब्ध कराया जायेगा।

नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में सहयोग के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय में महानिदेशक अरविंद हांडा और भूटान के सूचना और संचार मंत्रालय में कार्यकारी सचिव पेम्बा वांगचुक ने हस्ताक्षर किये। शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत में नेशनल नॉलेज नेटवर्क के परियोजना निदेशक आर एस मणि और भूटान के संचार मंत्रालय के निदेशक जिग्मे तेंजिन ने हस्ताक्षर किये।

दोनों देशों ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग का समझौता भी किया और इसमें बिजली खरीद के समझौते पर भारत की पीटीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दीपक अमिताभ तथा वहां की ड्रक ग्रीन पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डी रिंजिन ने हस्ताक्षर किये।

न्यायिक क्षेत्र में सहयोग के लिए भूटान में भारत की राजदूत रुचिरा काम्बोज और भूटान के राष्ट्रीय विधि संस्थान के महानिदेशक लोबजांग रिंजिन ने हस्ताक्षर किये। भूटान के जिग्मे सिंग्ये वांगचुक स्कूल आफ लॉ और भारत के नेशनल लॉ स्कूल बेंगलुरु के बीच सहयोग के समझौते पर भी हस्ताक्षर किये गये शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर भी दोनों देशों के बीच सहमति बनी और भूटान रॉयल विश्वविद्यालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, मुंबई और सिलचर के साथ भी सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर किये।