नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के उज्जैन स्थित भगवान महाकाल के प्रसिद्ध मंदिर के विकास एवं विस्तार के लिए 300 करोड़ की योजना शुरू करेगी। बता दें कि यह योजना इसलिए शुरु करेगी ताकि वहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। महाकाल मंदिर के विस्तार और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए मंत्रिमंडल के सदस्यों की त्रिस्तरीय सदस्य समिति गठित होगी। इसके साथ ही महाकाल मंदिर के अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी राज्य कैबिनेट में लाया जाएगा। बता दें कि यह कमलनाथ सरकार द्वारा सबसे खास योजना में से एक होगी।

कमल नाथ सरकार के इस फैसले पर बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कांग्रेस पर धर्म के मामले में सियासत करने का आरोप लगाया। लोकसभा चुनाव में हुई कांग्रेस की हार की तरफ इशारा करते हुए कोठारी ने कहा राहुल और प्रियंका गांधी सिर्फ चुनाव के दौरान ही मंदिर जाने का नतीजा भुगत रहे हैं।

मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में शनिवार (17 अगस्त) को मंत्रालय में भगवान महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार और सुविधाओं के विस्तार पर हुई बैठक में ये निर्देश दिए गए हैं। मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का समय-सीमा आधारित हो जिसमें काम शुरू होने से लेकर उसके पूरे होने तक का समय निर्धारित हो। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी निगरानी मुख्य सचिव करेंगे।

कमलनाथ ने बैठक में कहा कि भगवान महाकाल मंदिर के कारण पूरे विश्व में मध्य प्रदेश की पहचान है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के इस केन्द्र का सुनियोजित विकास किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विस्तार एवं व्यवस्था में सुधार के दौरान महाकाल मंदिर के मूल ढांचे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

कमलनाथ के निर्देश पर गठित मंत्रियों की त्रिस्तरीय समिति में उज्जैन जिले के प्रभारी, लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, आध्यात्म मंत्री पी.सी. शर्मा एवं नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह सदस्य होंगे। खास बात यह है कि यह समिति महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं से जुड़े लोगों और जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर विकास एवं विस्तार के संबंध में आवश्यक निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री ने समिति को निर्देश दिया है कि अगले तीन दिन में यह बैठक हो। उन्होंने महाकाल मंदिर कानून में संशोधन का प्रस्ताव भी इसी माह मंत्रिमंडल से अनुमोदित करवाने और 30 सितम्बर तक महाकाल मंदिर के विकास की योजना को अंतिम रूप देकर काम शुरू करने के निर्देश दिए।