नई दिल्ली: हरियाणा के पंचकूला में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आर्टिकल 370 को जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए निष्प्रभावी किया गया। हमारा पड़ोसी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दरवाजा खटखटा रहा है। पाकिस्तान के साथ तभी बातचीत होगी जब वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद करेगा। यदि पाक के साथ बातचीत होती है तो यह अब पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी।

राजनाथ सिंह ने कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि भारत बालाकोट से बड़े एक्शन की तैयारी में हैं। इसका मतलब है कि उन्हें पता है कि भारत ने बालाकोट में क्या किया है।

इससे पहले 16 अगस्त को कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत परमाणु हथियारों के “पहले इस्तेमाल नहीं” करने के सिद्धांत पर “पूरी तरह प्रतिबद्ध” है लेकिन भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

सिंह ने ट्वीट किया, “पोकरण वह इलाका है जो भारत को परमाणु शक्ति बनाने के अटल जी के दृढ़ संकल्प का गवाह बना और इसके बावजूद देश ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ के सिद्धांत को लेकर प्रतिबद्ध है। भारत ने सख्ती से सिद्धांत का पालन किया है। भविष्य में क्या होगा यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।”

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'भारत का एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करना इस देश के प्रत्येक नागरिक के लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है। देश अटल जी की महानता का ऋणी रहेगा।'

सिंह के बयान के बाद कांग्रेस ने कहा कि सरकार को अपनी परमाणु नीति स्पष्ट करनी चाहिए और इसे लेकिर किसी तरह का भ्रम नहीं रहना चाहिए। इससे पहले नवंबर 2016 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी भारत की परमाणु हथियार पहले इस्तेमाल न करने की नीति पर आपत्ति जताई थी।

सिंह के बयान का समय अहमियत रखता है क्योंकि यह जम्मू कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान आया है।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश की परमाणु नीति पर उनकी पार्टी और समूचा देश सरकार के साथ खड़ा होगा, लेकिन उसे स्पष्ट तरीके से पेश करने की जरूरत है।

सिंघवी ने कहा, ‘‘रक्षामंत्री या तो कोई रहस्यमय बात कर रहे हैं या फिर नीति में बदलाव की कोई घोषणा कर रहे हैं। उन्हें मुहावरों में बात नहीं करनी चाहिए और देश को स्पष्ट बताना चाहिए कि आज की स्थिति में परमाणु नीति क्या है?’’