नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के एक सड़क हादसे में घायल होने संबंधी मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को दो सप्ताह का समय औरअतिरिक्त समय दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सड़क हादसे में घायल हुए वकील को पांच लाख रुपए देने को कहा। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की एक पीठ ने सीबीआई की चार सप्ताह का समय और देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिजनों को कहा, ' आप सार्वजनिक बयान देने से बचें क्योंकि इससे एक तरह से आरोपी की ही मदद होगी। कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि यदि आपको कुछ कहना है तो अपने वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट को बताएं, हम उस पर विचार करेंगे।'

कुछ समय पहले जब उन्नाव रेप केस की पीड़िता अपने वकील और परिजनों के साथ लखनऊ जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी तो तभी गलत दिशा में आ रहे एक ट्रक ने उनकी कार को बुरी तरह से टक्कर मार दी थी। इससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस घटना में पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी जबकि वकील और पीड़िता गंभीर रुप से घायल हो गए थे। हादसे के बाद पीड़िता को लखनऊ के किंग्स जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था लेकिन हालत में सुधार नहीं होने की वजह से बाद में पीड़िता को दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया गया।

इस मामले को लेकर यूपी सरकार की खूब आलोचना भी हुई। विपक्ष ने इसे साजिश करार देते हुए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। भाजपा पर दवाब बढ़ा तो उसने दुष्कर्म केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया। मामला संसद तक पहुंचा और विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग को सरकार ने तुरंत स्वीकार कर लिया और मामले को सीबीआई को सौंप दिया।

इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान में लिया और 1 अगस्त को बड़ा फैसला लेते हुए इससे जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर करने का आदेश दिया और जांच अधिकारियों से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया कि वह पीड़िता को तुरंत 25 लाख का मुआवजा दे। टाइम्स नाउ से बात करते हुए पीड़िता की बहन ने कहा कि हमारे परिवार को लगातार धमकियां मिल रही थीं।