लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 समीर सिंह ने सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर उठाये गये सवालों पर पलटवार करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले अखिलेश यादव भूल गये है कि उनके राज में राजधानी की सड़कों पर डीएसपी को बोनट पर टांगकर धुमाया जाता था और थाने के भीतर पुलिकर्मियों की हत्याएं हो जाती थी। सपा सरकार के संरक्षण में अपराधी खूब पले बढ़े। पार्टी प्रवक्ता ने दावा किया कि योगी सरकार में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। अपराधियों के खिलाफ लगातार हो रही कार्यवाई से घबराकर आज वहीं अपराधी जो पूर्ववर्ती सरकारों में आतंक फैलाये थे, योगी सरकार में वे खुद को जेल के भीतर ही सुरक्षित पा रहे है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 समीर सिंह ने कहा कि विरासत से सियासत में आए सैफई के युवराज ने उत्तर प्रदेश को सत्ता संरक्षित अपराध का हब बना दिया था। यहां तक कि मुख्यमंत्री आवास तक अपराधियों की शरण स्थली बना दिया गया था। अब जबकि योगी सरकार के कानूनी चाबुक से अपराधी थर्रा रहे है। धड़ाधड़ हो रहे एनकाउन्टर से अपराधी या तो सलाखों के पीछे है या दुनिया छोड़कर चले गये है। फिर भी सैफई के युवराज प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उंगली उठाकर प्रदेश को हत्या प्रदेश बता रहे है। सपा की मूल प्रवृत्ति में अपराधी संरक्षण रहा है जिसे अखिलेश यादव ने और अधिक पोषित किया। अब अपराध की सूखती विष वेल ने अखिलेश यादव को चिंतित कर दिया है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 समीर सिंह ने तल्ख लहजे में कहा कि प्रदेश को भ्रष्टाचार और अपराध का गढ़ बनाने वाले अखिलेश यादव ने रामवृक्ष जैसी जहरीले वृक्ष उगा रखे थे जो बड़े नरसंहार का कारण बने। यादव सिंह का भ्रष्टाचार रहा हो, अनिल कुमार यादव का मुद्दा हो, आईजी अमिताभ ठाकुर को सपा के मुखिया द्वारा धमकाया जाना हो, दुर्गाशक्ति नागपाल प्रकरण हो, शाहजहांपुर में पत्रकार जोगेन्द्र सिंह को जिंदा जलाया गया हो, बदांयू रेप कांण्ड, बुलन्दशहर रेप काण्ड हो या प्रदेश भर में अपल्संख्यक तुष्टीकरण के नाम पर दंगों की खूली छूट देने की बात हो, अखिलेश राज में सरकार द्वारा प्रायोजित अपराधी गिरोहो से प्रदेश भयाक्रांत था और भ्रष्टाचार व अवैध खनन से लूटा जा रहा था। वहीं अखिलेश आज प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करके खुद कटघरे में खड़े हो रहे है।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 समीर सिंह ने कहा कि योगी सरकार ने कानून का राज स्थापित किया है और यही कारण है कि प्रदेश में महिलाओं, बेटियों सहित सभी निर्भय है। अखिलेश यादव 2017 और 2019 की हार की हताशा और बुआ की दुत्कार के बाद बदहबास हो चुके है। योगी सरकार द्वारा अपराध के सफाए के अभियान से उनका भय और आंतक का बनाया गया तंत्र छिन्न-भिन्न हो गया है। अखिलेश यादव को उनके दल ने ही नेता मानने से इंकार कर दिया है अब अस्तित्व के संकट से जूझ रहे अखिलेश यादव के पास बयानबाजी के अलावा और कुछ बचा नहीं है। अपने दरबार और दरबारियों के बीच से निकल कर जनमानस के बीच में अखिलेश यादव पहुंचेंगे तो उन्हें वास्तविकता का पता चला जाएगा।