दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग के संवर्धन और विकास की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए द योग इंस्टीट्यूट, मुंबई को वर्ष 2018-19 के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में नेशनल इंस्टीट्यूट की श्रेणी में यह अवार्ड प्रदान किया गया। सम्मान की मान्यता के तौर पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘योग संस्थान ने योग शिक्षा, अनुसंधान, प्रकाशन, नवाचार और रचनात्मकता के लिहाज से मानक निर्धारित किए हंै। यह पुरस्कार इस संस्थान के संस्थापकों के कौशल और उनकी सरलता और परोपकारी दृष्टि के लिए एक वसीयतनामा है।‘‘ द योग इंस्टीट्यूट, मंुबई की डायरेक्टर श्रीमती हंसाजी जयदेव योगेंद्र ने प्रधानमंत्री के हाथों यह अवार्ड प्राप्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘योग संस्थान के सभी लोगों की ओर से, मैं इस सम्मान के लिए हमारे माननीय प्रधानमंत्री और आयुष समिति के सदस्यों को धन्यवाद देना चाहती हूं। संस्थान ने पिछले 100 वर्षों में योग के प्रचार-प्रसार के लिए जो कठिन परिश्रम किया है, यह पुरस्कार उसी की मान्यता के तौर पर मिला है। हम अपनी इस विरासत को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमेशा भारत और दुनिया की सेवा में जुटे रहेंगे।‘‘योग संस्थान की स्थापना 1918 में श्री योगेन्द्रजी द्वारा की गई थी, जिन्हें आधुनिक योग पुनर्जागरण के जनक के रूप में भी जाना जाता है। 25 दिसंबर 2018 को संस्थान का शताब्दी वर्ष मनाया गया। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है और यह दुनिया में योग के लिए सबसे पुराना संगठित केंद्र भी है। क्वालिटी काउंसिल आॅफ इंडिया द्वारा प्रमाणित यह पहला योग संस्थान है। योग सीखने और अभ्यास करने के लिए हर दिन 1,500 से अधिक लोग संस्थान आते हैं। योगेंद्र परिवार की तीन पीढ़ियों और विश्व स्तर पर प्रशिक्षित 50,000 से अधिक शिक्षकों के साथ, योग संस्थान योग को जीवन जीने का एक तरीका बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।