किंग्सटन: भारत और वेस्टइंडीज के बीच किंग्सटन में खेले जा रहे सीरीज के दूसरे और आखिरी टेस्ट के चौथे दिन एक ऐसी घटना घटी जो 142 साल के इतिहास में नहीं हुई थी। मैच के तीसरे दिन टीम इंडिया द्वारा जीत के लिए दिए 468 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी कैरेबियाई टीम के बल्लेबाज डैरेन ब्रावो जसप्रीत बुमराह की गेंद पर घायल हो गए थे। बुमराह की खतरनाक बाउंसर ब्रावो के हेलमेट पर जा लगी थी। लेकिन इसके बाद भी वो पिच पर टिके रहे और दिन का खेल खत्म होने पर वेस्टइंडीज ने 2 विकेट पर 45 रन बना लिए थे। शामरा ब्रूक्स 4 और ब्रावो 18 रन बनाकर पवेलियन लौटे।

लेकिन चौथे का खेल जब शुरू हुआ तो ब्रावो बल्लेबाजी करने उतरे। लेकिन 55 के स्कोर पर वो रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन लौट गए। वो कल शाम सिर पर लगी चोट की वजह से असहज महसूस कर रहे थे। ऐसे में उन्होंने 23 रन बनाने के बाद पवेलियन वापस लौटने का फैसला किया। इसके बाद वेस्टइंडीज टीम मैनेजमेंट ने 1 अगस्त से लागू हुए कन्कशन सब्सटीट्यूट के नियम का उपयोग किया और ब्रावो पूरे मैच के लिए बाहर हो गए। उनकी जगह जैरमैन ब्लैकवुड को टीम में शामिल कर लिया गया। इस तरह ब्लैकवुड कैरेबियाई क्रिकेट इतिहास के पहले और मार्नस लाबुशाने के बाद टेस्ट इतिहास के दूसरे कन्कशन सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी बने।

लाबुशाने और ब्लैकवेल के सबस्टीट्यूट बनने में एक बड़ा फर्क था। स्मिथ लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में चोटिल हुए थे इसके बाद दूसरी पारी के शुरु होने से पहले लाबुशाने को सब्स्टीट्यूट घोषित किया गया। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के लिए दोनों पारियों में 11-11 खिलाड़ी खेलने उतरे। लेकिन ब्रावो और ब्लैकवेल के मामले में दोनों ही खिलाड़ी एक ही पारी में बल्लेबाजी करने उतरे। इस तरह आधिकारिक तौर पर 12 खिलाड़ी किंग्सटन टेस्ट की दूसरी पारी में वेस्टइंडीज के लिए बल्लेबाजी करने उतरेंगे। नियमानुसार दोनों खिलाड़ियों के करियर रिकॉर्ड में मैचों की संख्या और रन जोड़े जाएंगे।

आईसीसी ने 1 अगस्त 2019 से कन्कशन सब्स्टीट्यूट का नियम लागू किया है जिसमें सिर में चोट लगने की स्थिति में डॉक्टरी सलाह के बाद खिलाड़ी को मैच के दौरान किसी भी समय बदला जा सकता है। एक महीने के अंतराल में दो बार ऐसा हो चुका है।