लखनऊ: डॉ बिद्युत पुरकैत वर्तमान में सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ के आणविक परजीवीविज्ञान और प्रतिरक्षाविज्ञान प्रभाग में काम कर रहे एक युवा, प्रतिभाशाली आणविक परजीवी हैं। उन्होंने लीशमैनिया डोनोवानी नामक परजीवी के कारण होने वाले विसरल लीशमैनियासिस (वीएल) या काला-अजार में दवा प्रतिरोध संबंधी क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने पहली बार एम्फोटेरिसिन बी के क्लीनिकल आइसोलेट्स के बारे में बताया एवं इन क्लीनिकल आइसोलेट्स का एलइन परजीवियों में एम्फोटेरिसिन बी प्रतिरोध की क्रियाविधि को डिकोड किया। उन्होंने एम्फोटेरिसिन बी प्रतिरोध में मेम्ब्रेन कंपोज़ीशन, एबीसी ट्रांसपोर्टर तथा थायोल मेटाबोलिक पाथवे की सहक्रियात्मक भागीदारी का प्रदर्शन किया। इस प्रतिरोध तंत्र के संबंध में, उन्होंने पता लगाया है कि कैसे आणविक स्तर पर हिस्टोन डीएसीट्ट्रायलेज एंजाइम, साइलेंट इंफॉर्मेशन रेगुलेटर2 (Sir2) एम्फोटेरिसिन बी प्रतिरोध तंत्र को नियंत्रित करता है एवं विसरल लीशमैनियासिस के लिए एक नए प्रतिरोध मार्कर के रूप में किस तरह से प्रयोग किया जा सकता है। उनका यह कार्य उच्च कोटि की अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया गया है और इसे अत्यधिक उद्धृत किया गया है।

विसरल लीशमैनियासिस संबंधी दवा प्रतिरोध के क्षेत्र में उनका योगदान, प्रतिबद्धता और उपलब्धि प्रशंसनीय है। नए ड्रग टारगेट की तलाश में, डॉ पुरकैत वर्तमान में विसरल लीशमैनियासिस (वीएल) और लिम्फैटिक फाइलेरियासिस (एलएफ) दोनों पर काम कर रहे हैं और आरएनए एडिटिंग पाथवे, एल. डोनोवानी और ट्रेहलोस बायोसिंथेटिक पाथवे के अनूठे पोस्ट-ट्रांसक्रिप्शनल मॉडिफिकेशन प्रोसेस पर कार्य शुरू कर दिया है। डॉ पुरकैत के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में 19 प्रकाशन हैं जो उनके काम के वैज्ञानिक महत्व को साबित करते हैं।

क्या है सीएसआईआर-यंग साइंटिस्ट अवार्ड?

सीएसआईआर के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान को पहचान दिलाने एवं बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह पुरुस्कार प्रतिवर्ष दिया जाता है एवं पुरस्कार के वर्ष से पिछले पांच वर्षों के दौरान युवा वैज्ञानिकों द्वारा भारत में रहकर किए गए उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रतिवर्ष दिया जाता है: i) जीव विज्ञान, ii) रासायनिक विज्ञान, iii) पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर और ग्रह विज्ञान, iv) इंजीनियरिंग विज्ञान एवं v) भौतिक विज्ञान।
प्रत्येक पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र (महानिदेशक, सीएसआईआर और उपाध्यक्ष, सीएसआईआर द्वारा हस्ताक्षरित), 50,000 रुपये (पचास हजार रुपये) का नकद पुरस्कार और एक पट्टिका होती है। पुरस्कार विजेता 45 वर्ष की आयु तक प्रति माह 7500/- (सात हजार पांच सौ रुपये) के विशेष मानदेय के हकदार हैं। यह प्रोत्साहन तब तक मिलता रहेगा जब तक प्राप्तकर्ता सीएसआईआर की सेवा में बना रहता है। पांच साल की अवधि के लिए 25 लाख रुपये (पच्चीस लाख रुपये) का अनुसंधान अनुदान भी दिया जाता है, जो आम तौर पर प्रति सीएसआईआर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार विजेता को 5 लाख रुपये प्रति वर्ष होता है।