कोलकाता: पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्‍होंने देश की आर्थिक स्‍थिति का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, सरकार लोगों का ध्‍यान खराब अर्थव्‍यवस्‍था से हटाने के लिए चंद्रयान-2 का ढिंढोरा पीट रही है. ममता बनर्जी ने कहा, सरकार बस लोगों का ध्‍यान इस मुद्दे से हटाना चाहती है.

ममता बनर्जी ने कहा, देश में पहला चंद्रयान लॉन्च है, ऐसा लग रहा है कि मोदी के सत्ता में आने से पहले इस तरह के मिशन शुरू ही नहीं हुए थे.

ममता ने सरकार पर आक्रमण करते हुए कहा, लोकतंत्र के सभी स्तंभ मीडिया, न्‍यायपालिका सरकार के द्वारा नियंत्रित हैं. एनआरसी मामले में भी यही हो रहा है. जो मूल निवासी हैं, उन्‍हें लिस्‍ट से बाहर रखा जा रहा है. मुझे इस समय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के शब्‍द याद आ रहे हैं. उन्‍होंने कहा था सरकार बदले की कार्रवाई की बजाए अर्थव्‍यवस्‍था पर ध्‍यान दे.

ममता बनर्जी एनआरसी के सख्‍त खिलाफ रही हैं. समय समय पर बंगाल में बीजेपी नेताओं द्वारा एनआरसी की मांग की गई है. हालांकि ममता ने बंगाल में एनआरसी की मांग को सिरे से खारिज किया है. इतना ही नहीं उन्‍होंने असम में भी इसका विरोध किया है. अब बिहार में भी एनआरसी की मांग की जा रही है.

ममता बनर्जी ने कहा, मैंने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की है. उन्‍होंने साफ कहा है कि वह बिहार में एनआरसी लागू नहीं करेंगे.

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो एनआरसी के मुद्दे पर असम में फायदा लेने की कोशिश में हैं. असम में एनआरसी ड्राफ्ट बाहर आने के बाद ममता ने ट्विटर पर लिखा, 'एनआरसी के बारे में जैसे-जैसे सूचनाएं आ रही हैं, हम यह देखकर स्तब्ध हैं कि एक लाख से अधिक गोरखा लोगों के नाम सूची से बाहर हैं.' ममता ने कहा, 'वास्तव में हजारों-हजार असली भारतीयों के नाम सूची से बाहर रह गए हैं जिनमें सीआरपीएफ और अन्य जवान और पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्य भी हैं.'