लखनऊ: हरियाणा में विधानसभा चुनाव पहले जननायक जनता पार्टी से बहुजन समाज पार्टी ने नाता तोड़ लिया है। बीएसपी अब अकेले अपने दम पर चुनाव में हिस्सा लेगी। बीएसपी मुखिया मायावती ने कहा कि दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी से सीटों के मुद्दे पर समझौता नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि गठबंधन टूटने के बाद भी हरियाणा से बीजेपी को सत्ता से बाहर करने में बीएसपी कामयाब होगी।

मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बीएसपी एक राष्ट्रीय पार्टी है जिसके हिसाब से हरियाणा में होने वाले विधानसभा आमचुनाव में श्री दुष्यन्त चैटाला की पार्टी से जो समझौता किया था वह सीटों की संख्या व उसके आपसी बंटवारे के मामले में उनके अनुचित रवैये के कारण इसे बीएसपी हरियाणा यूनिट के सुझाव पर आज समाप्त कर दिया गया है।ऐसी स्थिति में पार्टी हाईकमान ने यह फैसला किया है कि हरियाणा प्रदेश में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव में अब बीएसपी अकेले ही अपनी पूरी तैयारी के साथ यहां सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

हरियाणा में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। जानकारों का कहना है कि राज्य में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। बीजेपी के लिए इंडियन नेशनल लोकदल परेशानी की वजह बन सकती थी। लेकिन इनेलो में टूट का सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को मिलता हुआ नजर आ रहा है। ओम प्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी का गठन किया है। बीएसपी को लगता था कि जननायक पार्टी के साथ चुनाव लड़ने से पार्टी जमीन तैयार कर सकती है। लेकिन सीटों के मुद्दे पर दोनों दलों में सहमति के आसार कम नजर आ रहे थे।