लखनऊ: देश का ऑटोमोबाइल बाजार लगातार मंदी के दौर से गुजर रहा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक लगातार 10वें महीने अगस्त में पैसेंजर कारों की बिक्री में 31.57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जो कि पिछले 20 सालों 1997-98 के बाद सबसे कम स्तर पर आ पहुंची है। पिछले दो दशकों में बिक्री में इतनी भयानक गिरावट पहली बार देखने को मिली है।

वाहन निर्माताओं के संगठन (SIAM) के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री एक साल पहले इसी माह की तुलना में 31.57 प्रतिशत घटकर 1,96,524 वाहन रह गई। एक साल पहले अगस्त में 2,87,198 वाहनों की बिक्री हुई थी।

भारतीय आटोमोबाइल विनिर्माता सोसायटी (SIAM) के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2019 में घरेलू बाजार में कारों की बिक्री 41.09 प्रतिशत घटकर 1,15,957 कार रह गई जबकि एक साल पहले अगस्त में 1,96,847 कारें बिकी थी। इस दौरान दुपहिया वाहनों की बिक्री 22.24 प्रतिशत घटकर 15,14,196 इकाई रह गई जबकि एक साल पहले इसी माह में देश में 19,47,304 दुपहिया वाहनों की बिक्री की गई।

इसमें मोटरसाइकिलों की बिक्री 22.33 प्रतिशत घटकर 9,37,486 मोटरसाइकिल रह गई जबकि एक साल पहले इसी माह में 12,07,005 मोटरसाइकिलें बिकी थीं। सियाम के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त माह में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 38.71 प्रतिशत घटकर 51,897 वाहन रही। कुल मिलाकर यदि सभी तरह के वाहनों की बात की जाये तो अगस्त 2019 में कुल वाहन बिक्री 23.55 प्रतिशत घटकर 18,21,490 वाहन रह गई जबकि एक साल पहले इसी माह में कुल 23,82,436 वाहनों की बिक्री हुई थी।

ऑटो सेक्टर में आई इस मंदी के कारण कुछ वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने वाहनों का प्रोडक्शन भी कम किया है। मारुति सुजुकी ने इस सितंबर महीने में 7 और 9 तारीख को मानेसर और गुरुग्राम के प्लांट पर काम बंद करने की घोषणा की थी। वहीं टाटा मोटर्स, महिंद्रा और होंडा ने भी कुछ दिनों के लिए प्रोडक्शन को बंद किया था। वाहनों की बिक्री में आई इस गिरावट का असर देश की अर्थ व्यवस्था पर भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है।

देश के दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियों ने सरकार से GST रेट में संसोधन की मांग की है। वर्तमान समय में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों पर 28 प्रतिशत GST लागू है। हाल ही में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST को संसोधित करते हुए 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया है। इसी तर्ज पर कुछ जानकारों का कहना है कि यदि ऑटो सेक्टर में आई इस मंदी से उबरना है तो सरकार को GST रेट को कम करना होगा।