बेंगलुरु: मोबाइल गेम पबजी बच्चों को हिंसात्मक बना रहा है. आलम यह है कि बच्चे और युवा इसकी खातिर हत्या जैसी वारदात को भी अंजाम दे रहे हैं. ताजा मामला बेंगेलुरु से आया है, यहां एक युवक ने अपने पिता की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उन्होंने उसे पबजी खेलने से रोका था. इस घटना से ना केवल परिवार के लोग बल्कि आस-पड़ोस के लोग भी हैरत में हैं. लोगों के जेहन में बस एक ही सवाल है कि आखिर एक गेम की खातिर कोई हत्यारा कैसे हो सकता है.

कर्नाटक का बेलागवी जिले में शंकरप्पा कुंभार अपने परिवार के साथ रहते थे. उनके 25 वर्षीय बेटे रघुवीर को पबजी खेलने की लत लगी थी, इस बात से शंकरप्पा काफी नाखुश रहते. उन्होंने कई बार बेटे को इस खेल में समय बर्बाद करने से मना किया, लेकिन वह नहीं माना. जब पिता ने थोड़ी सख्ती से बेटे रघुवीर को इस खेल में समय बर्बाद करने से रोका तो वह उनसे नाराज हो गया.

पुलिस के मुताबिक रविवार को रघुवीर काफी समय से पबजी खेल रहा था. इसपर पिता शंकरप्पा ने उसपर गुस्सा जाहिर किया. पिता-पुत्र में थोड़ी बहस हुई, जिसके बाद रघुवीर हिंसक हो गया. उसने पहले मां को कमरे में बंद किया, जिसके बाद पिता पर चाकू से वार कर दिया. इसी हाथापाई में रघुवीर ने 65 वर्षीय पिता की हत्या कर दी.

बताया जा रहा है कि शंकरप्पा पुलिसकर्मी थे. रिटायरमेंट के बाद वह घर पर ही रहते थे. पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही आरोपी बेटे ने पुलिस को दिए बयान में अपना गुनाह भी कबूल लिया है. परिवार के लोगों के मुताबिक रघुवीर ने दिन में करीब साढ़े बारह बजे इस वारदात को अंजाम दिया. उसने पिता के हाथ और पैर पर चाकू से कई जगह वार किए थे. इसके अलावा उसने उनके शरीर के अन्य हिस्सों को भी लहूलुहान कर दिया था.