नई दिल्ली : कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि भारत एक इंच जमीन भी पड़ोसी देश को नहीं देगा। थरूर ने कहा कि कांग्रेस भले विपक्ष में है लेकिन देश के बाहर वह सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि जहां तक कश्मीर का सवाल है, भारत एक इंच जमीन भी पाकिस्तान को नहीं देगा। थरूर ने यह प्रतिक्रिया कश्मीर मुद्दे को पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में उठाने के सवाल पर दी।

थरूर ने कहा, 'भारत के आतंरिक मामलों का जहां तक संबंध है, इससे पाकिस्तान का कोई सरोकार नहीं होना चाहिए। हम विपक्ष में हैं और हम सरकार की आलोचना कर सकते हैं लेकिन भारत के बाहर हम एक हैं। हम पाकिस्तान को एक इंच भी नहीं देंगे।' कांग्रेस नेता ने कहा कि पाकिस्तान ने पीओके एवं गिलगिट-बाल्टिस्तान का दर्जा बदल दिया, उसे हम पर अंगुली उठाने का अधिकार किसने दिया?

थरूर ने कांग्रेस की 'धर्मनिरपेक्षता' एवं 'सॉफ्ट हिंदुत्व' पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी को महज वोट के लिए 'सॉफ्ट हिंदुत्व' के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस से 'धर्मनिरपेक्षता' को बचाने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी में अपना लंबा करियर बनाने के लिए इससे नहीं जुड़ा। मैं इस पार्टी में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि मेरा मानना है कि समावेशी एवं प्रगतिशील भारत के विचार को आगे बढ़ाने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। हम केवल सीट और वोट के लिए इन विचारों को छोड़ नहीं सकते।'

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) में कश्मीर में कथित रूप से मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है। पाकिस्तान के इन आरोपों का जवाब देने के लिए विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर और पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल जेनेवा भेजा है। यह शिष्टमंडल दुनिया के देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष पाकिस्तान के झूठे प्रोपगैंडा की पोल खोलने में जुटा है।

भारत का यह शिष्टमंडल कुछ दिनों पहले मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र की हाई कमिश्नर मिशेल बैचलेट से मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां की स्थितियों से अवगत कराया। भारत और पाकिस्तान दोनों मंगलवार को जेनेवा में जारी संयुक्त राष्ट्र के 42वें मानवाधिकार सत्र में अपना पक्ष रखेंगे। बता दें कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद पाकिस्तान तिलमिला गया है। वह कश्मीर मसले को सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की असफल कोशिश कर रहा है लेकिन उसे हर जगह से निराशा हाथ लगी है।