सीआईए अफसर का सनसनीखेज दावा

न्यूयॉर्क:2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के बारे में कहा जाता है कि रूस ने दखल दिया था। इसे लेकर अमेरिका में राजनीति गरमाई और यह कहा जाने लगा कि डोनाल्ड ट्रंप को रूस के हाथों की कठपुतली हैं। ये बात अलग है कि इस विषय पर रूस और अमेरिका दोनों तरफ से सफाई आई। लेकिन समय समय पर इस मुद्दे को लेकर विस्फोट होता रहा है।

अब सीआईए से जुड़े रहे एक शख्स का कहना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से अमेरिकी चुनाव में दखल दिया था। अपने समर्थन में उस शख्स ने 2017 के कुछ सूचनाओं को डिकोड का दावा किया था। उसने कहा कि रूसी हस्तक्षेप की प्रक्रिया 2016 में आम चुनाव से पहले शुरू हो चुकी थी। जब यह साफ हो गया कि रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से ट्रंप उम्मीदवार के तौर पर सामने आ रहे हैं तो रूसी हस्तक्षेप में और तेजी आई।

सीआईए से जुड़ा रहा शख्स बताता है कि यह जानकारी इतनी नाजुक थी कि तत्कालीन सीआईए निदेशक जॉन ओ ब्रेनन, तत्तकालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा की नियमित प्रेस ब्रीफिंग से दूर रखते थे। ब्रेनन इन जानकारियों को प्रचलित संचार साधनों की जगह कवरबंद लिफाफे में जानकारियां शेयर किया करते थे। यह जानकारी इतनी महत्वपूर्ण और संवेदनशील थी कि सीआईए के अधिकारियों ने खुलासा करने वाले जासूस के रिकॉर्ड की समीक्षा की।

एनवाईटी का कहना है कि उसकी जानकारी को विश्नसनीय और पुख्ता मानने के लिए कई चक्र में सीआईए द्वारा विश्लेषण किया गया था। इस तरह की जानकारी के आने के बाद अमेरिकी पेपर में धमाकेदार रिपोर्ट छपा करती थी। यह बात अलग है कि ह्वाइट हाउस ने साफ कर दिया था कि दावों में दम नहीं है। सीआईए ऑफिसियल्स लगातार उस जासूस से तथ्यों की जानकारी लेने की कोशिश करते रहे। लेकिन उसने अपने परिवार की सुरक्षा का हवाला देते हुए जानकारी देने से इंकार कर दिया। ऐसे में सीआईए को लगने लगा कि वो जासूस कहीं डबल एजेंट की तौर पर काम तो नहीं कर रहा है।