नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में सुस्ती और वाहनों की बिक्री में गिरावट के लिए मारूति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बैंकिंग सेक्टर में खराब फैसलों को जिम्मेदार बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वाहनों में कुछ सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य करने के बाद कारें महंगी हो गई हैं जिसके चलते लोग कार नहीं खरीद पा रहे। बता दें कि बीते देश में सड़क हादसों पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने नए दिशा-निर्देशों को जारी किया है। नए नियमों के मुताबिक अब हर कार में 5 तरह के सेफ्टी फीचर्स लगाना अनिवार्य है।

मारूति के चेयरमैन के मुताबिक इसकी वजह से फोर व्हीलर खरीदना और उसे चलाना आम नागरिक के लिए पहले से ज्यादा महंगा हो गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में भार्गव ने पेट्रोल-डीजल पर राज्य सरकारों द्वारा रोड और रजिस्ट्रेशन चार्ज में बढ़ोतरी के फैसले को भी वाहनों की बिक्री में एक बड़ी बाधा करार दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में अस्थायी कटौती से ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। मालूम हो कि ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनियां मोदी सरकार से कारों पर लगने वाले जीएसटी में कटौती की मांग कर रही हैं ताकि ऑटो सेक्टर में फैली सुस्ती को कम किया जा सके।

उन्होंने कहा कि ‘एक शख्स जो कि टू व्हीलर चलाता है वह फोर व्हीलर चलाने का इच्छा रखता है लेकिन उसकी जेब उसे ऐसा करने से रोकती है।’ ऑटो सेक्टर में सुस्ती की उन वजहों को भार्गव ने खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा है कि लोग नई कार न खरीदते हुए अब ओला और ऊबर टैक्सी का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें कि मोदी सरकार ने हाल ही में ऑटो सेक्टर को इस संकट से उबारने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन इसका तुरंत असर पड़ते नहीं दिख रहा। अगस्त महीने में गाड़ियों की बिक्री के जो आंकड़े आए हैं, उसने ऑटोमोबाइल कंपनियों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं। कुछ कंपनियों की सेल में तो 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।

मारूति सुजुकी इंडिया, ह्युंदे, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और होंडा सहित सभी बड़े वाहन निर्माताओं ने बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री अगस्त महीने में 32.7 प्रतिशत घटकर 1,06,413 वाहन रह गई।