नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के लिए राहत की खबर है। घरेलू हिंसा मामले में उन्हें गिरफ्तारी से छूट मिल गई है। मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने उनके और उनके भाई हासिद अहमद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद अलीपुर के एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) ने उनके खिलाफ 2 सितंबर को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। शमी ने एसीजेएम के आदेश को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जज राय चटोपाध्याय की अदालत में चुनौती दी थी। मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।

जज चटोपाध्याय ने एसीजेएम की ओर से शमी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी। एसीजेएम कोर्ट ने शमी और उनके भाई को भारत लौटने के 15 दिन के भीतर सरेंडर करने के आदेश दिए थे। हसीन जहां ने पिछले साल पति शमी के खिलाफ घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। हसीन जहां ने शमी पर मारपीट और दुष्कर्म जैसे आरोप लगाए थे। दोनों के बीच कोर्ट में तलाक का मुकदमा भी चल रहा है।

शमी के वकील शेख सलीम रहमान ने बताया कि जज चटोपाध्याय के समक्ष अर्जी दायर में दलील दी गई थी कि मामले में चार्जशीट दायर होने के बाद ही मजिस्ट्रेट आरोपी के खिलाफ समन जारी कर सकते हैं। रहमान ने दावा किया कि समन के बुलावे पर यदि कोर्ट में आरोपी पेश नहीं हो तब मजिस्ट्रेट को वारंट जारी करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि एसीजेएम ने समन जारी करने के बजाय, शमी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया।

एसीजेएम ने क्रिकेटर शमी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट में कहा था, ‘वे देश लौटने के 15 दिन के भीतर कोर्ट में सरेंडर करें।’ शमी के खिलाफ जब गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था तब वे वेस्टइंडीज दौरे पर टीम इंडिया के साथ थे। रहमान ने कहा, यह देखने के बावजूद कि तेज गेंदबाज अपने देश के लिए खेलने गए हैं, एसीजेएम ने देश लौटने के 15 दिन के भीतर वारंट को तामील करने का आदेश दिया।