नई दिल्ली. संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद अचानक पुलिस हर चौक-चौराहे पर सक्रिय हो गई है. भारी-भरकम चालान काटे जा रहे हैं. नए नियम का पालन करवाने के नाम पर ज्यादातर जगहों पर पुलिस लोगों से बदसलूकी भी कर रही है. कहीं नियम तोड़ रहे पुलिस वालों से सवाल पूछने पर वे मारपीट पर उतारू हो रहे हैं तो कहीं वाहनों चालकों से हाथापाई करते नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया मीडिया पर ऐसे वीडियो की बाढ़ आई हुई है. पुलिस वाले आमतौर पर किसी वाहन को रोकते ही उसकी चाबी निकाल लेते हैं. इसे लेकर सबसे ज्यादा झगड़े होते हैं. लेकिन कानून के जानकार बताते हैं ट्रैफिक पुलिस को ऐसा करने का कोई हक नहीं है. ऐसा करके वे कानून तोड़ रहे होते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के वकील पद्मश्री ब्रह्मदत्त के अनुसार मोटर व्हीकल एक्ट न तो किसी ट्रैफिक पुलिस को चाबी निकालने का अधिकार देता है और न ही आपकी गाड़ी की हवा निकालने का. एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि पुलिसकर्मी किसी वाहन चालक से बदसलूकी या मारपीट करे और उसे गाली दे. कोई पुलिसकर्मी यदि आपको रुकने का इशारा कर रहा है तो जांच के लिए रुकिए. लेकिन यदि चाबी और हवा निकाल रहा है तो इसकी वीडियो बनाइए. सबूत के साथ उसके उच्चाधिकारियों को लिखिए. उस पर विभागीय कार्रवाई होगी.

यदि उच्चाधिकारी भी उससे मिले हुए हैं, वे लीपापोती की कोशिश करते हैं तो केस हाईकोर्ट ले जाइए. यदि आप गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल हैं, महिला या विकलांग हैं तो आपको फ्री कानूनी सहायता मिलेगी. इसकी मदद से पुलिसकर्मी के खिलाफ अपने नागरिक और मानव अधिकार के हनन का केस डालिए. उम्मीद है कि पुलिसकर्मी सस्पेंड होगा और उसे बचाने वाले उच्चाधिकारियों से भी जवाब तलब किया जाएगा. पुलिसकर्मी हमेशा ध्यान रखें कि उन्हें मोटर व्हीकल एक्ट गुंडागर्दी करने का अधिकार नहीं देता. वे सिर्फ चालान काट सकते हैं और गाड़ी जब्त कर सकते हैं.