वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में कमी आई है। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर मध्यस्थता का राग अलापा। ट्रंप ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहें तो वो मदद करने के लिए तैयार है। बता दें कि जी-7 बैठक के करीब दो हफ्ते बाद ट्रंप ने मध्यस्थता की दोबारा बात की है। जी-7 बैठक में पीएम मोदी से मुलाकात में उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच किसी तीसरे देश के दखल की जरूरत नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया था कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और वो किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ह्वाईट हाउस में प्रेस से बात करते हुए कहा कि करीब दो हफ्ते पहले भारत और पाकिस्तान के बीच जिस स्तर का तनाव था उसमें कमी आई है। जब उनसे पूछा गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति में अमेरिका की भूमिका को किस तरह देखते हैं तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दोनों देशों से अमेरिका का बेहतर रिश्ता है। अगर दोनों देश चाहें तो वो मदद कर सकते हैं। भारत और पाकिस्तान के सामने यह प्रस्ताव है। अमेरिकी प्रस्ताव को मानना या न मानना दोनों देशों पर निर्भर करता है।

भारत की तरफ से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं है। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से पहले ट्रंप से इसी तरह का बयान दिया था। लेकिन भारत की संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि यह ऐतिहासिक सच है कि कश्मीर, भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे देश की दखल को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल ट्रंप ने जापान में पीएम मोदी से मुलाकात का हवाला देते हुए कहा था कि पीएम मोदी, कश्मीर के विषय पर अमेरिकी मध्यस्थता चाहते हैं।