नई दिल्ली: स्वच्छ वातावरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए देश में दूध एवं दूध उत्पादों के दिग्गज मदर डेयरी ने आज देश भर से उपभोक्ताओं के द्वारा इस्तेमाल के बाद बचे प्लास्टिक व्यर्थ के संग्रहण एवं रीसाइक्लिंग के लिए अपनी योजनाओं का ऐलान किया है। वैकल्पिक विकल्पों में अग्रणीमदर डेयरी ने 4 दशक से भी पहले आॅटोमेटेड बल्क मिल्क वेंडिंग मशीन की शुरूआत की, जिसे टोकन वाले दूध के नाम से जाना जाता है, जो सीधे निर्माता से उपभोक्ता तक प्रभावी कोल्ड चेन के ज़रिए गुणवत्तापूर्ण दूध उपलब्ध कराती है, साथ ही किसी भी तरह की प्लास्टिक पैकेजिंग से मुक्त है। अपनी शुरूआत से ही इस अनूठे सिस्टम ने कंपनी एवं उपभोक्ताओं को प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने में मदद की है और आज यह दिल्ली/एनसीआर में सालाना लगभग 900 मीट्रिक टन प्लास्टिक व्यर्थ के उत्पादन को रोकती है। मदर डेयरी ने अपने कन्ज़्यूमर टच-पाॅइन्ट्स में इन्सटाॅल किए गए लगभग 3000 बल्क मिल्क वेंडिंग युनिट्स का संचालन किया है, इन टच पाॅइन्ट्स में मिल्क बूथ, फ्रैंचाइज़ शाॅप, कियोस्क, मिनी शाॅप, इन्सुलेटेड कंटेनर्स, कामधेनु मोबाइल युनिट्स, कंटेनर-आॅन-व्हील्स ;ब्व्ॅद्ध आदि शामिल हैं जो बड़ी सहजता के साथ अपने क्षेत्र में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को प्लास्टिक पैकेजिंग से रहित दूध उपलब्ध कराते हैं। प्लास्टिक के संग्रहण एवं रीसाइक्लिंग पहल की शुरूआत, उपभोक्ताओं के द्वारा इस्तेमाल के बाद बचे प्लास्टिक के खतरे को हल करने के लिए मदर डेयरी ने जून 2018 में अपने प्लास्टिक व्यर्थ संग्रहण एवं रीसाइक्लिग पहल की शुरूआत की, इसके लिए एक्सटेंडेड प्रोड्युसर रिस्पाॅन्सिबिलिटी प्रोग्राम ;ईपीआरद्ध शुरू किया गया। इस पहल के तहत मदर डेयरी प्रोड्युसर रिस्पाॅन्सिबिलिटी ओर्गेनाइज़ेशन ;पीआरओद्ध की मदद से मई 2019 तक लगभग 1073 मीट्रिक टन प्लास्टिक व्यर्थ को संग्रहित एवं रीसाइकल कर चुकी है। इसमें 183 मीट्रिक टन मल्टी-लेयर्ड पैकेजिंग ;एमएलपीद्ध और 890 मीट्रिक टन नाॅन-मल्टी-लेयर्ड ;नाॅन एमएलपीद्ध पैकेजिंग शामिल है। आज कंपनी महाराष्ट्र राज्य में 100 फीसदी ईपीआर का कार्यान्वयन कर रही है।