दुबई: हाल के दिनों में क्रिकेटर्स ने रियायर होने की घोषणा करने के बजाय नया तरीका अपनाया है. ब्रेक लेने का. माना जा रहा है कि खिलाड़ी अपने देश की टीम में चयन में नजरअंदाज किेए जाने पर अपनी नाराजगी दिखाने का तरीके के तौर पर इस्तेमाल करने लगे हैं. हाल ही पाकिस्तान के पेसर वहाब रियाज ने लाल गेंद क्रिकेट से ब्रेक लिया था. अब इस कड़ी में इंग्लैंड के मोईन अली का नाम जु़ड़ गया है. संयोग ही है कि हाल ही में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों के लिए कॉन्ट्रेक्ट की घोषणा की है. इसमें टेस्ट अनुबंध में मोईन अली का नाम नहीं है.

अली के इस फैसले पर उनकी टाइमिंग ने संदेह पैदा कर दिया है. मोईन ने ऐसे समय ब्रेक की घोषणा की है जब उनका नाम उन टेस्ट अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची में नहीं है. ऐसे में यह संदेह पैदा हो रहा है कि कहीं अली ने यह फैसला नाराजगी में तो नहीं लिया है. हालांकि ईसीबी की ओर से ऐसा कोई संकेत नहीं मिल रहा है. ईसीसबी अली के फैसले के साथ दिखाई दे रहा है.

जिन खिलाड़ियों को टेस्ट अनुबंध मिला है उनमें जेम्स एंडरसन, आर्चर, जॉनी बेयरस्टो, स्टुअर्ट ब्रॉड, रोरी बर्न्‍स, जोस बटलर, सैम कुरैन, जोए रूट, बेन स्टोक्स, क्रिस वोक्स शमिल हैं. ईसीबी ने एक बयान में कहा, "टेस्ट विशेषज्ञ और जो सभी प्रारूप में खेल रहे हैं उनको एक फरवरी 2020 से ईसीबी से वेतन मिलेगा. जो सफेद गेंद की क्रिकेट खेल रहे थे उन्हें अब टेस्ट खिलाड़ियों के अनुसार ही ईसीबी से वेतन मिलेगा."

वहीं मोईन अली वनडे/टी-20 की अनुबंध सूचि में शामिल किए गए हैं. उनके अलावा आर्चर, बेयरस्टो, जोस बटलर, जोए डेनले, इयोन मोर्गन, आदिल राशिद, जोए रूट, जेसन रॉय, बेन स्टोक्स, क्रिस लोक्स, मार्क वुड को जगह मिली है. 32 वर्षीय मोईन अली ने इस ग्रीष्म सत्र में आईसीसी विश्व कप खेला था जिसके बाद वे आयरलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में खेले थे. फिर उसके फौरन बाद वे एशेज टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच में खेले थे.

अली पिछले काफी समय से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं. ईसीबी के मैनेजिंग डायरेक्टर एश्ले जाइल्स ने शुक्रवार को अली के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा, "वे टेस्ट क्रिकेट से कुछ समय के अवकाश चाहते हैं,मुझे लगता है कि सभी खिलाड़ियों के लिए, केवल अली के लिए ही नहीं, यह काफी चुनौती भरा गर्मी का मौसम रहा." जाइल्स ने कहा, "विश्व कप फिर उसके फौरन बाद एशेज सीरीज में खेलने से कई खिलाड़ियों पर दोनों, शारीरिक और मानसिक रूप से, भारी असर पड़ा है. कुछ खिलाड़ी तो अब भी खेल रहे हैं. उनका (अली का) पहले टेस्ट में अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा था पर यही क्रिकेट है."