ह्यूस्टन : अमेरिकी शहर ह्यूस्टन के NRG स्टेडियम में हाउडी मोदी कार्यक्रम के तहत रविवार की रात (भारतीय समयानुसार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 50,000 भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उनके साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी मौजूद थे। दोनों नेताओं ने मिलकर आतंकवाद से लड़ने का ऐलान किया। पीएम मोदी के स्वागत में भारतीय समुदाय के लोगों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। स्टेडियम के अंदर लोग जोश से लबरेज थे और मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे लेकिन स्टेडियम के बाहर पीएम मोदी के खिलाफ हजारों लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसा करने वाले लोग कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद की स्थितियों का जिक्र करते हुए आरोप लगा रहे थे कि वहां मानवाधिकारों का हनन हो रहा है।

एनआरजी स्टेडियम के बाहर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। ह्यूस्टन पुलिस प्रदर्शनकारियों पर भी नजर बनाए हुई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारी प्ले कार्ड और हाथों में बैनर-पोस्टर थामे रहे। विरोध करने वाले संगठन इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने अलजजीरा से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी के पांच साल के शासनकाल में उठाए गए कदमं से भारत का धर्मनिरपेक्ष संविधान खतरे में आ चुका है। विरोध करने वाले दूसरे संगठन हिन्दूज फॉर ह्यूमन राइट्स (HFHR) ने कहा कि हिन्दू आस्था के नाम पर अलपसंख्यकों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

HFHR की सह संस्थापक सुनीता विश्वनाथ ने कहा, “हमारा धर्म हमें वसुधैव कुटुम्बकम सिखाता है लेकिन इस पर कट्टरपंथियों और राष्ट्रवादियों ने कब्जा कर लिया है, ये लोग मुसलमानों की हत्या कर रहे हैं और लोकतंत्र और क़ानून व्यवस्था को कुचल रहे हैं।” उन्होंने कहा, “हिंदुओं के रूप में हमें ऐसा लगता है कि भारत में हो रहे अत्याचार… हिंदू अतिवादी सरकार द्वारा हमारे प्यार, विश्वास और हिंदू धर्म के नाम पर किया जा रहा है। ऐसे में यह हमारा पूर्ण धार्मिक, नैतिक और मानवीय दायित्व बनता है कि हम उसके खिलाफ खड़े हों और गिनें।” सुनीता ने कहा कि उनकी संस्था कश्मीरियों और NRC से प्रभावित 19 लाख लोगों को लेकर चिंतित है।

पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों में अधिकांश धार्मिक अलपसंख्यक थे जिनमें सिख और मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे। ये सभी मोदी की कश्मीर नीति का विरोध कर रहे थे। बतौर अल जजीरा पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की संख्या करीब 10 हजार थी। इन लोगों ने मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का भी जिक्र किया था और कहा था कि भारत में सबकुछ ठीक है। उन्होंने अपने संबोधन में आतंकवाद और आर्थिक विकास पर भी चर्चा की।