नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बुधवार को हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज 29 एफआईआर पर रोक लगा दी है। अब इन मामलों में उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी।

किसानों ने मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी के लिए उनकी जमीन कब्जा करने को लेकर आजम खान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी। बुधवार को उनकी याचिका पर जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजू रानी चौहान की डिवीजन बेंच ने एफआईआर पर रोक लगाने का आदेश दिया। मामले में अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी तब तक आजम खान की गिरफ्तारी नहीं होगी। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार व अन्य प्रतिवादियों से जवाब भी मांगा है।

रामपुर पुलिस आजम खान के खिलाफ 84 मुकदमे दर्ज कर चुकी है। इसमें जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े 29 मामलों पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके अलावा भी उन पर चोरी, भैंस और बकरी चोरी, अतिक्रमण और जमीन कब्जाने के मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

आजम खान की पत्नी और सपा सांसद तंजीन फातिमा और विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज हैं। इससे पहले एनजीटी ने कोसी बाढ़ क्षेत्र पर अतिक्रमण के लिए सपा सांसद द्वारा जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था।

उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट से सांसद आजम खान नौ बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं और इन दिनों यूपी की भाजपा सरकार द्वारा मुकदमे दायर करने को लेकर चर्चा में हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम खान ने भाजपा उम्मीदवार और पूर्व सांसद जया प्रदा को हराया था। जया प्रदा के खिलाफ आजम खान ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया था, उसे अभद्र करार देते हुए चुनाव आयोग ने उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की थी। इसके अलावा संसद में जुलाई महीने में तीन तलाक पर चल रही बहस के दौरान उपसभापति रमा देवी को लेकर उन्होंने एक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।