न्यूयोर्क : फ़िलिस्तीनी प्रशासन के प्रमुख महमूद अब्बास ने इस्राईली शासन के समर्थन में अमेरिकी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि फ़िलिस्तीनी जनता प्रतिरोध को जारी रखेगी और अतिग्रहणकारी इस्राईल का अंत भी इतिहास की दूसरी अतिग्रहणकारी सरकारों की भांति हो जायेगा।

महमूद अब्बास ने गुरूवार को न्यूयार्क में राष्ट्रसंघ की महासभा के 74वें वार्षिक अधिवेशन में भाषण देते हुए कहा कि फ़िलिस्तीनी जनता कभी भी अतिग्रहण के सामने घुटने नहीं टेकेगी और अपना शांतिपूर्ण प्रतिरोध जारी रखेगी।

उन्होंने इजराइल के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतेनयाहू द्वारा पश्चिमी किनारे के एक भाग को अतिग्रहित भूमियों में मिलाने के निर्णय की भर्त्सना की और कहा कि विश्व समुदाय को चाहिये कि इस्राईल के अतिक्रमण को रोकवाने में वह अपनी ज़िम्मेदारी निभाये।

इसी प्रकार उन्होंने फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ अमेरिकी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिकी कार्यवाहियां उनमें सर्वोपरि तेलअवीव से दूतावास को क़ुद्स स्थानांतरित करना शत्रुता की इन्तेहा है।

ज्ञात रहे कि अमेरिका की "डील आफ द सेन्चुरी" योजना में ट्रंप ने कुद्स को अवैध ज़ायोनी शासन की राजधानी के रूप में मान्यता दी है और इस फैसले को उसने 14 मई 2018 को व्यवहारिक कर दिया।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रसंघ की महासभा ने 21 दिसंबर 2017 को एक प्रस्ताव पारित किया था जिसके अंतर्गत वह क़ुद्स को ज़ायोनी शासन की राजधानी के रूप में मान्यता नहीं देगा।

राष्ट्रसंघ के इस प्रस्ताव के पक्ष में 128 वोटों का समर्थन मिला जबकि विरोध में 9 वोट पड़े और 35 देशों ने वोटिंग में भाग ही नहीं लिया।

वर्ष 1967 से इस्राईल ने क़ुद्स पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा कर रखा है।