लखनऊ: एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ परिसर में चल रही दो दिवसीय अन्र्तमहाविद्यालयीय वाद-विवाद प्रतियोगिता एमिटी आई बिलीव-2019 में विषाखापत्तनम के दामोदरन संजीवाया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अनुराग तिवारी और पारखी राय ने अपने दमदार तर्काें और बेहतरीन प्रस्तुतिकरण के दम पर विरोधियों को शिकस्त दी और प्रतियोगिता के विजेता बने।

इस छठीं अन्र्त महाविद्यालयीय वाद-विवाद प्रतियोगिता एमिटी आई बिलीव-2019 का आयोजन एमिटी बिजनेस स्कूल, एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर की ओर किया गया।

दो दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में देश भर के बिजनेस स्कूल और प्रबंधन संस्थान से आए विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और अपनी वाक् क्षमता का प्रदर्शन किया।

बीते सोमवार को प्रति कुलपति, एमिटी लखनऊ परिसर, डा. सुनील धनेश्वर, सहायक प्रति कुलपति डा. अनिल तिवारी, निदेशक एमिटी बिजनेस स्कूल, डा. रोहित कुशवाहा, प्रतियोगिता के निर्णायक गण श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विवि.के डीन, विजय सेठी, वरिष्ठ प्रबंधक ब्लैक बाक्स कैटरिंग और प्रमुख विपणन अधिकारी इकाना स्पोर्टस् सिटी ने प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया।

इस प्रतियोगिता में देश के 17 प्रदेशों के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से आयी 45 टीमों ने प्रतिभागिता की, जिनमें रवीन्द्रनाथ टैगोर युनिवर्सिटी, युनिवर्सिटी आफ साइंस एण्ड टैक्नाॅलाजी, मेघालय, एमिटी विवि. मुंबई, दामोदरन संजवाया नेशनल ला युनिवर्सिटी, नेशनल ला युनिवर्सिटी, दिल्ली, एमिटी ग्वालियर, री राममूर्ती युनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली, अवध डिग्री कालेज आदि प्रमुख हैं।

प्रतियोगिता के दूसरे दिन आज अंतिम चरण के लिए आठ टीमों का चयन हुआ जिसमें चार को विषय के पक्ष में और चार को विषय के विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत करने थे। विजेताओं का चयन करने के लिए ला मार्टिनियर ब्वायज् के प्रधानाचार्य कार्ले मैकफारलैंड, बतौर माॅडरेटर और नेशनल पीजी लाॅ कालेज की डा. शमिता साहू, लखनऊ में पेग्गुविन की ब्रांड अम्बेसडर कनक रेख चैहान और चोपडा रबर प्राॅडक्टस् के मैनेजिंग डायरेक्टर किरण चोपडा बतौर निर्णायक उपस्थित रहे।

अंतिम चरण के मुकाबले में प्रतिभागियों को लव हैज नो जेंडर विषय पर अपने तर्क रखने थे। जिसमें अपनी बढत बनाते हुए अनुराग तिवारी और पारखी राय ने प्रतियोगिता में जीत हासिल करी।

अनुराग तिवारी को पक्ष में और जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली की करिश्मा खरबंदा को विपक्ष में बोलने के लिए बेस्ट स्पीकर का पुरस्कार दिया गया।