गाँधी जयंती पर इण्डिया लिटरेसी बोर्ड, साक्षरता निकेतन में हुआ ’साक्षरता एवं स्वावलम्बन पखवाड़े’ का आयोजन

लखनऊ: महान लोग अपने कार्यों के लिए याद किए जाते हैं। हम भी ऐसे कार्य करें कि लोग हमेशा याद करें। यह उदगार न्यायमूति विष्णु सहाय ने साक्षरता निकेतन में गाँधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर ’साक्षरता एवं स्वावलम्बन पखवाड़े’ के समापन समारोह में जन समूह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। वे इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा आचरण हमारे हाथ में है। गाँधी जी के आदर्शों को, उनके विचारों को हम अपने आचरण में ला सकते हैं। उनका पालन कर सकते हैं। गाँधी जी कहा करते थे कि जो सत्ता में हैं, वे केवल देश की सम्पत्ति के संरक्षक हैं, सम्पत्ति का उपभोग करने के लिए नहीं हैं। हमारा देश तभी महान बनेगा, जब गाँधी जी के आदर्शों को मानेंगे। हमारी सोच पवित्र होनी चाहिए। अच्छे कार्य करने वालों के लिए ही ऐसे समारोह आयोजित होते हैं। उन्होंने समारोह में उपस्थित बच्चों से कहा कि वे विनम्रता को अपनाएँ और अहंकार से बचें। समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा साक्षरता निकेतन की मासिक पत्रिका ‘उजाला’ के गाँधी जयंती विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया।

समारोह के प्रारम्भ में इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के निदेशक श्री लोकेश कुमार ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए 18 सितम्बर से 2 अक्टूबर, 2019 तक मनाए गए ’साक्षरता एवं स्वावलम्बन पखवाड़े’ की संक्षिप्त आख्या प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि श्री आर0 सी0 त्रिपाठी, आई.ए.एस. (से.नि.), पूर्व महासचिव, राज्यसभा एवं श्री जी0 पटनायक, आई.ए.एस. (से.नि.) अध्यक्ष, इण्डिया लिटरेसी बोर्ड की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में इस पखवाड़े के आरम्भ में दिनांक 18 एवं 19 सितम्बर को 2 दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका उद््घाटन सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्म विभूषण श्री चण्डी प्रसाद भट्ट ने किया। इस व्याख्यान शाला में देश के विभिन्न अंचलों से पधारे गाँधीवादी विचारधारा से सुविज्ञ एवं प्रभावित मानुभावों ने प्रतिभाग किया। उन्होंने महात्मा गाँधी और साक्षरता निकेतन की संस्थापिका डाॅ0 वेल्दी फिशर के जीवन-दर्शन पर भी चर्चा की और कहा कि आज विश्व शाकाहार दिवस भी मनाया जा रहा है। गाँधी जी ने शाकाहार का प्रण लिया था। इस अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि यथा सम्भव अपने जीवन में शाकाहार को अपनाएँ। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी तथा पूर्व निदेशक, इण्डिया लिटरेसी बोर्ड श्री एन0 के0 एस0 चैहान, आई.ए.एस. (से.नि.) ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सबको गाँधी जी की पुस्तक- ‘मेरे सत्य के प्रयोग’ को अवश्य पढ़ना चाहिए और गाँधी जी के आदर्शों पर चलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाँधी जी पर्यावरण तथा परिवेश की स्वच्छता पर विशेष जोर देते थे। उन्हीं के विचारों को अमल में लाने के लिए सरकार ने आज से ‘वन टाइम यूज प्लास्टिक’ को प्रतिबन्धित करने का निर्णय लिया है। श्री चैहान ने साक्षरता निकेतन की संस्थापिका श्रीमती वेल्दी फिशर के आदर्शों एवं कार्यों पर भी प्रकाश डाला।

इस अवसर पर साक्षरता एवं स्वावलम्बन पखवाड़े के अन्तर्गत विभिन्न विकास खण्डों में आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी बच्चों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। समारोह के अध्यक्ष के रूप में इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री अतुल, आई.पी.एस. (से.नि.) ने अपने उद््बोधन में पुरस्कृत बच्चों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गाँधी जी स्वावलम्बन पर बहुत अधिक जोर देते थे। वे जो भी कहते थे, वह करते थे। वे कार्यों को स्वयं करके उदाहरण प्रस्तुत करते थे। उनकी कथनी-करनी में फर्क नहीं था। हमें भी इसका पालन करना चाहिए। इस अवसर पर श्री अतुल ने श्री लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी और सादगी के प्रसंग सुनाकर उनके व्यक्तित्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीमती वेल्दी फिशर ने गाँधी जी से प्रेरित होकर ही साक्षरता निकेतन की स्थापना की थी। स्वावलम्बन के लिए शिक्षा एवं साक्षरता अत्यन्त आवश्यक है। इस कार्य में साक्षरता निकेतन अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

समारोह में वेल्दी फिशर चिल्ड्रेन्स अकादमी के बच्चों द्वारा गाँधी जी के जीवन पर आधारित भव्य एंव रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। अन्त में जन शिक्षण संस्थान, लखनऊ के निदेशक श्री सौरभ कुमार खरे ने ‘साक्षरता एवं स्वालम्बन पखवाड़े’ को सफल बनाने में परोक्ष तथा अपरोक्ष रूप में योगदान करने वाले सभी महानुभावों विशेषकर ग्लोबल ड्रीम प्रोजेक्ट की संस्थापिका डाॅ0 सुनीता गाँधी एवं सिटी इन्टरनेशनल स्कूल, इन्दिरा नगर की
प्रधानाचार्य श्रीमती अर्चना गौड़ तथा उपस्थित अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री रामचन्द्र यादव, समन्वयक, परियोजना एवं पशिक्षण द्वारा किया गया, जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन वेल्दी फिशर चिल्ड्रेन्स अकादमी की शिक्षिका सुश्री प्रगति सक्सेना द्वारा किया गया।