नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आइएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की जमानत याचिका पर सीबीआइ को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है।

आर. बानुमथी और हृषिकेश रॉय की बेंच ने सीबीआइ की ओर से पेश हुए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अपना जवाब दाखिल कररने का निर्देश दिया। बेंच इस मामले में अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को करेगा। 74 वर्षीय चिदंबरम को सीबीआइ ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वह तभी से हिरासत में हैं।

सीबीआइ ने 15 मई 2017 को उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। सीबीआइ ने 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आइएनएक्स मीडिया ग्रुप को एफआइपीबी की अनुमति दिए जाने में अनियमितता बरते जाने और इसमें चिदंबरम की भूमिका होने का आरोप लगाया था। जब आएनएक्स को विदेशी फंड की अनुमति दी गई थी, उस समय चिदंबरम वित्त मंत्री थे। सीबीआइ की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था।

सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट का 30 सितंबर के फैसले का हवाला दिया और कहा कि हाई कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला करने के लिए तीन आधारों पर गौर किया। इनमें भागने का खतरा, सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका थे। हाई कोर्ट ने पहले दो आधारों में चिदंबरम के पक्ष में फैसला दिया लेकिन दूसरा आधार उनके खिलाफ गया।

बेंच ने सिब्बल और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि यह सब सीबीआइ के केस के संबंध में हुआ। ईडी के केस में क्या हुआ। सिंघवी भी चिदंबरम की ओर से अदालत में पेश हुए थे। इस पर सिब्बल ने बताया कि ईडी ने अभी तक चिदंबरम को गिरफ्तार नहीं किया। सिंघवी और सिब्बल ने इस मामले में तर्क प्रस्तुत करने के लिए 30 मिनट का समय मांगा लेकिन बेंच ने तुषार मेहता को सीबीआइ का जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई के लिए केस को 15 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया। मेहता ने कहा कि सीबीआइ की ओर से जवाब 14 अक्टूबर तक जमा करवा देंगे।